अफ्रीका में तुर्की की गजब चाल, हथियार देकर गरीब देशों पर जमा रहा धौंस, एर्दोगन का इरादा जानें

अंकारा

तुर्की अपने ‘खलीफा’ रेचेप तैयप एर्दोगान के कार्यकाल में विश्व विजेता बनने का ख्वाब देख रहा है। यही कारण है कि तुर्की लगातार अपने सैन्य संबंधों का विस्तार कर रहा है। तुर्की ने पहले पाकिस्तान और अजरबैजान जैसे विस्तारवादी और कट्टरपंथी देशों को हथियार देकर सहायता की और वह अब अफ्रीका में अपने पांव पसार रहा है। तुर्की ने पिछले कुछ महीनों में अफ्रीकी देशों में अपनी सैन्य उपस्थिति का जबरदस्त विस्तार किया है। फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में 19 अफ्रीकी देशों में तुर्की के सैन्य अताशे हैं।

सैन्य अताशे की नियुक्ति क्यों कर रहा तुर्की
सैन्य अताशे की नियुक्ति राजनयिकों की नियुक्ति से बिलकुल अलग होती है। इन्हें खासतौर पर संबंधित देशों के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ाने, हथियारों और दूसरे सैन्य साजो सामान की खरीद फरोख्त करने के लिए की जाती है। ऐसे में तुर्की का अफ्रीकी देशों में सैन्य अताशे को नियुक्त करना यह बताता है कि तुर्की की कोशिश अफ्रीकी देशों में अपनी सैन्य मौजूदगी को बढ़ाने की है। इसका फायदा तुर्की को मिलता भी दिख रहा है।

किन देशों को तुर्की ने बेचे ड्रोन
फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, तु्र्की ने 15 अफ्रीकी देशों को अपने सैन्य ड्रोन निर्यात किए हैं। इनमें अल्जीरिया, माल्टा, मलावी, नाइजर, बुर्किना फासो, तंजानिया, नाइजीरिया, अंगोला, रवांडा, इथियोपिया, सोमालिया, जिबूती, चाड, लीबिया और ट्यूनिशिया शामिल हैं। इन देशों को तुर्की ने कम से कम कुल मिलाकर 100 सैन्य ड्रोन सप्लाई किए हैं।

तुर्की ने किस देश को कौन सा ड्रोन दिया
तुर्की ने अल्जीरिया को 10 अंका एस / 6 अक्सुंगुर, माल्टा को 19 टीबी2, मलावी को 6 टीबी2, नाइजर को 6 टीबी2, बुर्किना फासो को 8 टीबी2 + 2 अकिंची, तंजानिया को टीबी2एस (संख्या का खुलासा नहीं), नाइजीरिया को 6 टीबी2एस, अंगोला को +1 अक्सुंगुर, रवांडा को 12 टीबी2, इथियोपिया को 4 टीबी2 उत्तर अकिनसिस, सोमालिया को टीबी2एस, जिबूती को टीबी2एस, चाड को अंका और अक्सुंगुर (संख्या का खुलासा नहीं), लीबिया को 6 टीबी2एस और 2 अकिनसिस और ट्यूनिशिया को अंकास ड्रोन दिए हैं।

तुर्की का इरादा क्या है
तुर्की का इरादा अफ्रीकी देशों के सैन्य संबंधों को मजबूत कर उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करना है। तुर्की को प्राकृतिक गैस और तेल, लकड़ी, धातु और अधातु की बहुत जरूरत है और अफ्रीकी देश इन मामलों में काफी धनी हैं। इसके अलावा अफ्रीकी देशों में सैन्य उपस्थिति मजबूत कर तुर्की जियो पॉलिटिकल गेम भी खेलना चाहता है।

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