भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति ने भोपाल में अपनी पहली बैठक की। तीन हफ्ते पहले ही इस समिति का गठन हुआ था। गुरुवार को हुई इस बैठक में पार्टी ने राज्य में मोहन यादव सरकार को कैसे घेरना है, इस पर चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता पार्टी महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने की। भंवर जितेंद्र सिंह मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भी हैं।
वरिष्ठ और युवा नेताओं वाली इस समिति ने पार्टी को मजबूत बनाने के तरीकों पर भी विचार किया। बैठक में कई दिग्गज नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कोषाध्यक्ष अशोक सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, एन.पी. प्रजापति, विजयलक्ष्मी साधौ शामिल थे।
किन मुद्दों को उठाएगी कांग्रेस?
बैठक में जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमने एक रोडमैप तैयार किया है कि कैसे समितियां जमीनी स्तर पर पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए काम करेंगी। समितियों के अलग-अलग सदस्यों को एक खास भूमिका दी जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नई कांग्रेस कार्यसमिति जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने में सक्रिय रहेगी। उन्होंने कहा कि शासन से जुड़े बहुत सारे मुद्दे हैं, जिन्हें आक्रामक तरीके से उठाया जाएगा। किसानों, कानून व्यवस्था और आदिवासियों और दलितों पर अत्याचार के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
बैठक में नहीं पहुंचे कमलनाथ
हालांकि बैठक में पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता कार्यकारी समिति के सदस्य हैं, राजनीतिक मामलों की समिति का हिस्सा नहीं।
चुनाव के 10 महीने बाद बनी है कार्यकारिणी
बता दें कि यह बैठक तीन हफ्ते पहले 335 सदस्यीय नई कार्यसमिति को मंजूरी मिलने के बाद पहली बैठक थी। 21 और 22 नवंबर को राजनीतिक मामलों, कार्यकारिणी और अनुशासन समेत कई समितियों की बैठक होनी हैं। वरिष्ठ कांग्रेस विधायक राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पैनल ने इन बैठकों का एजेंडा तैयार किया है।
पिछले साल नवंबर में विधानसभा चुनावों में हार के बाद पुरानी समिति को भंग कर दिया गया था। 10 महीने बाद नई समिति का गठन हुआ है। जीतू पटवारी को नई टीम मिली है, जिसमें पार्टी के कार्यकारी समिति के सदस्यों के रूप में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं।