20.3 C
London
Tuesday, July 1, 2025
Homeभेल न्यूज़महाकुंभ में गूंजेगा जनजाति संस्कृति रक्षा का शंखनाद

महाकुंभ में गूंजेगा जनजाति संस्कृति रक्षा का शंखनाद

Published on

— 6 से 10 फरवरी तक जनजाति समागम में 25 हजार जनजातियों की सहभागिता

प्रयागराज।

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा 6 से 10 फरवरी तक भव्य जनजाति समागम का आयोजन किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक समागम में देश भर के लगभग 25 हजार जनजाति श्रद्धालु उपस्थित रहकर अपनी धर्म – संस्कृति- परंपरा की रक्षा का संकल्प करेंगे।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम देशभर के 12 करोड़ जनजाति समाज की धर्म – संस्कृति- परंपरा की रक्षा के साथ-साथ जनजाति क्षेत्र में विभिन्न सेवा कार्य चला रहा है। पिछले कुछ सालों से देश भर में आयोजित विभिन्न कुंभ पर्व में जनजाति समाज को एकत्रित लाकर अपनी प्राचीन संस्कृति का विराट दर्शन कराने के लिए कल्याण आश्रम निरंतर प्रयास कर रहा है। नासिक, उज्जैन, प्रयागराज ऐसे कुंभ में अब तक जनजाति समाज बड़ी संख्या में सम्मिलित हुआ है।
प्रयागराज में चल रहे ऐतिहासिक महाकुंभ के अवसर पर इस बार भी जनजाति समागम का भव्य आयोजन कल्याण आश्रम की ओर से किया गया है। 6 फरवरी से लेकर 10 फरवरी तक आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में देश भर से 25 हजार से अधिक जनजाति समाज एकत्रित हो कर अपनी धर्म – संस्कृति – परंपरा की रक्षा का संकल्प करेगा।

इस कुंभ की विशेषता यह है कि इस बार युवा कुंभ का आयोजन 6 और 7 फरवरी को होगा। जिसमें देश भर के 10 हजार युवा सम्मिलित होकर इस विराट सांस्कृतिक महासागर का दर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में 20 चयनित प्रतिभावान युवाओं का सम्मान भी किया जाएगा।

7 फरवरी को भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया है। जिसमें देशभर से आए हुए जनजाति बंधु एवं भगिनी अपनी परंपरागत वेशभूषा और नृत्य के साथ कुंभ स्नान का पुण्य प्राप्त करेंगे। इस जनजाति समागम में देशभर से विभिन्न जनजातियों की लगभग 150 नृत्य टोलियां सम्मिलित होने वाली है,जो अपनी परंपरागत नृत्य – संगीत का प्रदर्शन करते हुए ‘ तू मैं एक रक्त ‘ इस भाव का संदेश पूरे विश्व को देंगे। 7, 8 और 9 फरवरी को जनजाति नृत्य – संगीत के साथ यह सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। चार अलग-अलग मंच पर यह सांस्कृतिक प्रदर्शन होगा। 10 फरवरी को इस समागम में संत सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रांतो से आए जनजाति समाज के संत गण धर्म- संस्कृति पर अपने विचार रखेंगे। जिसमे प्रमुख रूप से महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरिजी महाराज, स्वामी अवधेशानंद गिरी जी, आचार्य महामंडलेश्वर रघुनाथ महाराज ( फरशिवाले बाबा) आदि प्रमुख संत मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित रहेंगे।

यह वर्ष जनजाति अस्मिता के नायक भगवान बिरसा मुंडा का 150 जन्म जयंती वर्ष है। ऐतिहासिक महाकुंभ के पर्व में यह वर्ष आने के कारण इस कुंभ को एक उत्सव पर्व के रूप में मनाने का संकल्प लेकर अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संलग्न सेवा समर्पण संस्थान के कार्यकर्ता इस आयोजन की यशस्विता के लिए अनथक प्रयास कर रहे है।

Latest articles

PMC: पुणे महानगरपालिका में काउंसलर और लैब टेक्नीशियन के पदों पर भर्ती 30 जून से 7 जुलाई तक करें आवेदन

PMC : पुणे महानगरपालिका (PMC) ने 2025 में काउंसलर और लेबोरेटरी टेक्नीशियन के पदों को...

IND vs ENG:जसप्रीत बुमराह दूसरे टेस्ट में खेलेंगे इंग्लैंड से मिली हार के बाद टीम इंडिया का बड़ा फ़ैसला

IND vs ENG: इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट मैच से पहले टीम इंडिया के...

Mangal Gochar 2025:इन 3 राशियों की चमकेगी क़िस्मत धन करियर और सेहत में होगा ज़बरदस्त सुधार

Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति मंगल ने आज 30 जून 2025 को रात...

More like this

लापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भेल भोपाललापरवाह अधिकारियों पर होगी सख्त कार्यवाई: राज्यमंत्री श्रीमती गौर,पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण...

सांई स्थापना दिवस समारोह

भेल भोपालसांई स्थापना दिवस समारोह, भेल क्षेत्र के नरेला शंकरी स्थित सिदृध श्री सांई...