12.7 C
London
Friday, July 4, 2025
Homeराष्ट्रीयबैग, सूटकेस या बिस्तर के नीचे... जस्टिस वर्मा के घर किस हालात...

बैग, सूटकेस या बिस्तर के नीचे… जस्टिस वर्मा के घर किस हालात में मिले कितने पैसे? मुकुल रोहतगी ने उठाए सवाल

Published on

नई दिल्ली:

जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित ‘खजाना’ मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पूरे देश में नेताओं से लेकर बेहद सीनियर वकील तक इस मामले पर बयान दे रहे हैं। हाल ही में सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की सख्त जांच करने की बात कही थी और अब पूर्व अटॉर्नी जनरल के साथ-साथ वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी इस मामले को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

मुकुल रोहतगी ने जस्टिस यशवंत वर्मा के विवाद पर पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले पर स्पष्ट जानकारी के लिए बुलिटिन जारी करने को कहा। उन्होंने घटना की जानकारी में देरी और ब्योरे की कमी को लेकर चिंता जाहिर की।

कितने कमरों की जांच हुई, सब हो सामने
रोहतगी ने कहा,’पारदर्शिता की कमी के कारण कई सवाल अनसुलझे हैं। इससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो रहा है। ये पता चलना चाहि कि जस्टिस वर्मा के घर पर आग लगने की सूचना किसने दी? दमकल विभाग कब पहुंचा? विभाग के प्रमुख ने पहले क्यों कहा कि कोई पैसा नहीं मिला? कितने कमरों की जांच हुई? पैसा घर के अंदर मिला या सर्वेंट क्वार्टर में?’

CJI को 6 दिन बाद क्यों दी जानकारी
सीनियर वकील ने आगे कहा,’इन सवालों के जवाब मिलने के बाद ही घटना की पूरी जानकारी मिल सकेगी।’ घटना की समय-सीमा पर भी सवाल उठाते हुए रोहतगी ने कहा कि जब घटना 14 मार्च को हुई थी, तो देश के चीफ जस्टिस (CJI) को इसकी जानकारी 20 मार्च को क्यों दी गई। अगर उन्हें पहले बताया गया था तो उन्होंने देर से प्रतिक्रिया क्यों दी। इन कारणों की जांच होनी चाहिए।

सच्चाई जानने में हो रही है मुश्किल
रोहतगी ने और भी कई सवाल उठा जैसे उन्होंने पूछा कि तुरंत स्पष्टीकरण क्यों नहीं मांगा गया। दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। रोहतगी ने जांच पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि क्या जांच पैसे मिलने के कारण शुरू की गई थी। उन्होंने यह भी पूछा कि पैसा किस हालत में मिला। क्या वह एक बैग में था, एक सूटकेस में था या बिस्तर के नीचे छिपा हुआ था? रोहतगी का कहना है कि पारदर्शिता की कमी के कारण सच्चाई को जानना मुश्किल हो रहा है।

फंसाने का मामला था या कुछ और…
रोहतगी ने जस्टिस वर्मा के बयान को भी महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा की गई जांच में जस्टिस वर्मा का पक्ष भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या यह फंसाने का मामला था या जस्टिस वर्मा ने पैसे की बात स्वीकार की थी। अगर उन्होंने स्वीकार किया तो क्या वह पैसा उनका था और उन्होंने इसके बारे में क्या स्पष्टीकरण दिया।

पुलिस को दी जाए जांच की अनुमति
रोहतगी ने कहा कि अगर जस्टिस वर्मा ने स्वीकार किया कि पैसा उनका है, तो उन्हें केवल दूसरी जगह पर भेजना काफी नहीं होगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जैसे कि उनसे न्यायिक काम वापस ले लेना। अगर मामला साफ है तो CJI को पुलिस को पूरी जांच करने की अनुमति देनी चाहिए। संदेह है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट बिना फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद के इतनी गंभीर जांच कर सकते हैं। यह कोई सामान्य जांच नहीं है जिसमें आरोपी से सिर्फ उसका पक्ष पूछा जाए।

Latest articles

America Sanctions on Iran:8000 करोड़ के तेल व्यापार पर प्रतिबंध, हिजबुल्लाह से कनेक्शन

America Sanctions on Iran: अमेरिका ने एक बार फिर ईरान के लगभग एक अरब...

Lucky Zodiac Signs: 4 जुलाई को इन 5 राशियों की चमकेगी किस्मत हर काम में मिलेगी सफलता

Lucky Zodiac Signs: ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, 4 जुलाई 2025 का दिन कुछ...

बीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा

भेल भोपालबीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा,भेल भोपाल यूनिट के महाप्रबंधक...

More like this

आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी कर बचाई 5 वर्षीय बच्चे की जान, खाने की नली...

जयपुरआरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी...

हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज 2 साल में 23% बढ़ा, RBI रिपोर्ट में खुलासा

हर भारतीय पर ₹4.8 लाख का कर्ज 2 साल में 23% बढ़ा, RBI रिपोर्ट...

ELI : युवाओं के लिए बड़ी खबर मोदी सरकार की नई रोजगार योजना से 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य

ELI : बेरोजगारी से जूझ रहे देश के युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है!...