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बंगाल में आकर सीना ठोककर कहूंगा… वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने किस बात का किया जिक्र

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नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल पर चर्चा के दौरान ऐसे कई मौके आए जब सदन में गहमागहमी बढ़ गई। ऐसी ही स्थिति उस समय आई जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वक्फ बिल के समर्थन में अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक संविधान के खिलाफ है। हमने वक्फ से छेड़खानी नहीं की। वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के लिए संशोधन किया। इसकी फंक्शनिंग प्रशासनिक है।

कैसे आया बंगाल का जिक्र
शाह ने आगे कहा कि हम मुतवल्ली को छू नहीं रहे हैं। ये कह रहे थे कि कोई गड़बड़ियां नहीं हुईं, अगर कांग्रेस 2013 में अन्यायी कानून लेकर नहीं आती तो ये बिल भी नहीं आता। इसी दौरान विपक्षी सांसदों ने कुछ टिप्पणी की, जिस पर अमित शाह ने दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं बंगाल आकर सीना ठोककर ये बात कहूंगा। इस दौरान सदन में हंगामे जैसी स्थिति हो गई। टीएमसी सांसदों के हंगामे पर अमित शाह ने कहा कि ये 2026 को लेकर डरे हुए हैं, चुनाव है न भाई।

टीएमसी MP का चैलेंज तो शाह ने दिया जवाब
दरअसल, अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि एक सांसद ने धमकी दी कि अल्पसंख्यक इस कानून को स्वीकार नहीं करेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री ने सदन में साफ शब्दों में कहा कि यह भारत सरकार का और संसद का कानून है, सभी को इसे स्वीकार करना होगा। अमित शाह ने जब ये बात कही तो टीएमसी सांसदों की ओर से कुछ टिप्पणी की गई। तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि बंगाल में आकर यही बात कह‍िएगा। तब अमित शाह ने उन्हें ललकाते हुए कहा कि बंगाल में आकर सीना ठोककर कहूंगा। यह राजनीत‍िक ह‍िसाब क‍िताब का अखाड़ा नहीं है।

वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम नहीं आएगा- शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि विपक्ष को वोटबैंक चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का स्पष्ट सिद्धांत है कि हम वोटबैंक के लिए कोई कानून नहीं लाएंगे। कानून न्याय के लिए होता है, लोगों के कल्याण के लिए होता है। मैं इस सदन के माध्यम से देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम नहीं आएगा। इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है लेकिन वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद क्या करेगी? वक्फ की संपत्तियां बेचने वालों को पकड़कर बाहर निकालेगी।

‘अब केवल घोषणा से ही वक्फ प्रॉपर्टी नहीं बनेगी’
अमित शाह ने कहा कि वक्फ की आय गिरती जा रही है, जिसके माध्यम से अल्पसंख्यकों के लिए विकास करना है और उन्हें आगे बढ़ाना है। जो पैसा जो चोरी होता है, उसको वक्फ बोर्ड और परिषद पकड़ने का काम करेगी। ये बिल जमीनों को सुरक्षा प्रदान करेगा। किसी की जमीन केवल घोषणा कर देने से ही वक्फ प्रॉपर्टी नहीं बनेगी। अब पुरातत्व विभाग, आदिवासी भाइयों की जमीन, आम नागरिकों की जमीन सुरक्षित हो जाएगी।

वक्फ बिल में क्या है मुख्य बातें शाह ने बताई
अमित शाह ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि दान तो अपनी संपत्ति का ही किया जा सकता है, गांव की संपत्ति का थोड़ी नहीं। इस बिल के जरिए वक्फ की संपत्ति घोषित करने के अधिकार को समाप्त कर दिया गया है। अब ऐसी किसी जमीन के लिए जिला कलेक्टर से प्रमाणित कराना पड़ेगा। शाह ने कहा कि 2001-12 के बीच दो लाख करोड़ की वक्फ की संपत्ति निजी संस्थानों को सौ साल की लीज पर हस्तांतरित कर दी गई। बेंगलुरु में उच्च न्यायालय को बीच में पड़ना पड़ा और 602 एकड़ भूमि को जब्त करने से रोकना पड़ा। ये पैसा देश के गरीब मुसलमानों का है, ये धन्नासेठों की चोरी के लिए नहीं है।

जब शाह ने कहा- एक और गलतफहमी फैलाई जा रही…
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक और गलतफहमी फैलाई जा रही है कि यह विधेयक पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू होगा। जब आप इस सदन में बोलें तो जिम्मेदारी के साथ बोलें। विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि विधेयक पारित होने पर सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद कानून लागू होगा। कोई पूर्वव्यापी प्रभाव नहीं है। शाह ने आगे कहा कि जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं तो मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि वक्फ मुस्लिम भाइयों की धार्मिक क्रियाकलाप और उनके बनाए हुए दान से ट्रस्ट है। उसमें सरकार कोई दखल नहीं देना चाहती है। मुतवल्ली भी उनका होगा, वाकिफ भी उनका होगा, वक्फ भी उनका होगा।

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