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5 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा रेस्क्यू, मलबे में दबी गाड़ियां, जम्मू के रामबन में हर ओर तबाही का मंजर

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रामबन/जम्मू

जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में भारी बारिश के चलते बड़ी तबाही मची है। यहां रविवार तड़के अलग-अलग जगहों पर आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं सेरी बागना इलाके में बादल फटने की दुखद घटना सामने आई। इसमें जनहानि की भी खबरें आ रही हैं। इस आपदा के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय पुलिस और राहत दलों ने तेजी से मोर्चा संभाला और करीब 100 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उधर, अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं। इसके कारण ट्रैफिक को रोक दिया गया। साथ ही सोमवार को जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी दे दी गई है।

रामबन में सोमवार को बंद रहेंगे सभी स्कूल-कॉलेज
डिप्टी कमिश्नर (डीईओ), रामबन ने ट्वीट किया, खराब मौसम और भारी बारिश के कारण बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए जिला रामबन के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और तकनीकी शिक्षा संस्थान 21.04.2025 को बंद रहेंगे। घर के अंदर रहें, सुरक्षित रहें!

2 दिन की बारिश में 5 लोगों की मौत
अधिकारियों ने बताया कि रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में से दो की पहचान अकीब अहमद और मोहम्मद साकिब के रूप में की गई है। वे दोनों भाई थे। उन्होंने बताया कि गांव में बचाव अभियान जारी है। इन तीन लोगों की मौत होने के साथ ही जम्मू क्षेत्र में पिछले दो दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इससे पहले रियासी जिले के अरनास इलाके में शनिवार देर रात बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और एक अन्य महिला घायल हो गई थी।

100 लोग सुरक्षित रेस्क्यू
अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि 10 मकान पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो गए और शेष को आंशिक क्षति पहुंची। अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने और लगातार बारिश के बावजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फंसे हुए 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया। उन्होंने बताया कि एक जलाशय के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए।

नाशरी और बनिहाल के बीच कई वाहन बहे
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश, बादल फटने, तेज हवाओं, भूस्खलन और ओलावृष्टि के कारण पूरे जिले में भारी नुकसान हुआ है। अधिकारी ने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं और बाद में (नुकसान का) आकलन किया जाएगा ताकि प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा सके। इस समय हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है। यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है।

हाइवे पर यात्रा न करने की सलाह
उन्होंने बताया कि राजमार्ग पर बारिश जारी है और लोगों को मौसम में सुधार होने तथा सड़क साफ होने तक मुख्य सड़क पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि 250 किलोमीटर लंबे हाइवे के बंद होने के कारण इस पर सैकड़ों यात्री फंस गए हैं। यह कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र सड़क मार्ग है। अधिकारियों ने बताया कि पंथियाल के पास भी सड़क का एक हिस्सा बह गया है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति का आकलन करने के लिए बाद में एक बैठक बुलाई है।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने जताया दुख
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि रामबन में हुए दुखद भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से बेहद दुखी हूं। जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जहां भी जरूरत हो, वहां तत्काल बचाव और राहत कार्य पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि वे जल्द ही बहाली, राहत और मरम्मत योजनाओं की समीक्षा करेंगे। फिलहाल प्रशासन का पूरा ध्यान जमीनी स्तर पर हालात को संभालने पर है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे मौसम और यात्रा संबंधी सलाहों का पालन करें तथा संवेदनशील और जोखिम भरे क्षेत्रों में अनावश्यक रूप से आवाजाही से बचें।

राहत-बचाव की तारीफ
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने त्वरित कार्रवाई कर लोगों की जान बचाने के लिए उपायुक्त बसीर उल हक चौधरी के नेतृत्व वाले जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि रामबन शहर के आसपास के इलाकों समेत रामबन क्षेत्र में रात भर भारी ओलावृष्टि हुई। कई जगह भूस्खलन हुआ और तेज हवाएं चलीं। नेशनल हाइवे अवरुद्ध हो गया है। दुर्भाग्य से तीन लोग मारे गए हैं और कुछ परिवारों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं उपायुक्त के लगातार संपर्क में हूं। जिला प्रशासन समय पर और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रशंसा का पात्र है जिसके कारण कई कीमती जानें बचाने में मदद मिली।

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