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Thursday, July 31, 2025
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सुप्रीम कोर्ट CJI केंद्रित अदालत, छवि बदलनी होगी… विदाई भाषण में जस्टिस अभय एस. ओका ने क्यों कहा ऐसा

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नई दिल्ली

जस्टिस अभय एस ओका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो गए। अपने विदाई भाषण के दौरान जस्टिस ओका ने शीर्ष कोर्ट को प्रधान न्यायाधीश केंद्रित अदालत बताया और इसकी संरचना में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 34 न्यायाधीशों के आने के मद्देनजर इसमें बदलाव की वकालत की। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में, जस्टिस ओका ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने लोअर और जिला अदालतों की उपेक्षा की है, जो न्यायपालिका की रीढ़ हैं। लोअर कोर्ट में बहुत अधिक मामले लंबित हैं और कुछ मामले तो 30 साल से लंबित हैं।

जस्टिस ओका ने क्या कहा
जस्टिस ओका ने अपनी विदाई के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट की तुलना में अधिक लोकतांत्रिक तरीके से काम करते हैं, क्योंकि वहां पांच जजों की एक प्रशासनिक समिति होती है। प्रशासनिक समिति की ओर से प्रमुख फैसले लिए जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में मैंने पाया है कि शीर्ष अदालत प्रधान न्यायाधीश केंद्रित न्यायालय है और मुझे लगता है कि हमें इसमें बदलाव करने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट को लेकर बड़ी टिप्पणी
जस्टिस ओका ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 34 जजों की अदालत है। वे देश के विभिन्न क्षेत्रों से आते हैं। इसलिए प्रधान न्यायाधीश केंद्रित अदालत की छवि को बदलने की जरूरत है। इससे पहले दिन में, जस्टिस ओका ने कहा कि उच्चतम न्यायालय एक ऐसी अदालत है, जो संवैधानिक स्वतंत्रता को कायम रख सकती है और यही संविधान निर्माताओं का सपना था।

आज मैंने किसी को बोलने से नहीं रोका…
वकीलों, बार नेताओं, प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की सराहना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जस्टिस ओका ने कहा कि मुझे स्वीकार करना होगा कि पिछले एक घंटे और 20 मिनट में जो कुछ कहा गया है, उसे सुनने के बाद मैं निःशब्द हूं और शायद आज मेरे पेशेवर जीवन का पहला और आखिरी दिन है, जब मैंने किसी को बोलने से नहीं रोका, क्योंकि मैं रोक नहीं सकता था। मैंने बार के सदस्यों की ओर से मेरे प्रति इतना प्यार और स्नेह देखा है कि मैं निःशब्द हो गया।

केस की लिस्टिंग को लेकर कही ये बात
दिन में, एससीबीए के समारोह के दौरान जस्टिस ओका ने कहा कि चयनित मामलों को सूचीबद्ध करने में मैनुअल हस्तक्षेप कम किया जाना चाहिए। लोग शिकायत करते हैं कि कुछ मामले अगले दिन क्यों सूचीबद्ध होते हैं और अन्य मामले काफी दिनों के बाद भी क्यों लंबित रहते हैं। जब तक हम मैनुअल हस्तक्षेप को बहुत कम नहीं कर देते, हम बेहतर लिस्टिंग (सूचीबद्ध) नहीं कर सकते। हमारे पास एआई तकनीक और अन्य सॉफ्टवेयर हैं, जो मामलों को तर्कसंगत तरीके से सूचीबद्ध करने में मदद कर सकते हैं।

‘मैंने कभी असहमति वाला फैसला नहीं सुनाया’
न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि अपने दो दशक से अधिक के करियर में उन्होंने कभी भी असहमति वाला फैसला नहीं सुनाया। उन्होंने कहा कि अपने पूरे कार्यकाल के दौरान मैंने कभी भी असहमति वाला फैसला नहीं सुनाया। न ही मेरे सहकर्मियों ने असहमति जताई। केवल दो दिन पहले एक अपवाद हुआ। जस्टिस ओका ने यह भी स्पष्ट किया कि वे रिटायरमेंट के तुरंत बाद इंटरव्यू नहीं देंगे और उन्हें प्रेस से बात करने के लिए कुछ समय चाहिए होगा।

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