PM Modi: भारत के खिलाफ तीखा रुख दिखाने वाले मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू (Mohammed Muizzu) अब भारत से दोस्ती करने और पीएम मोदी (PM Modi) को अपने देश आने का न्योता देने के लिए बेताब दिख रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि मालदीव का रवैया अचानक ऐसे बदल गया? चलो, इस पूरे मामले को समझते हैं। वर्तमान घटना बताने से पहले, पहले मुइज़ू के उस कथित अड़ियल रवैये की कहानी जान लो, जो अब ‘भीगी बिल्ली’ बन गया है।
पहले उगला आग अब पड़े शांत
जब मुइज़ू नवंबर 2023 में मालदीव के राष्ट्रपति बने, तो उस दौरान उन्होंने भारत का कड़ा विरोध किया था। उनकी सरकार ने भारत से उन सभी 80-90 सैन्य कर्मियों को हटाने की मांग की थी जो मालदीव में आपदा प्रबंधन और निगरानी के लिए तैनात थे। मुइज़ू ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत की जगह तुर्की और चीन को चुना। कुछ मालदीवियन मंत्रियों ने तो पीएम मोदी और भारत के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणियां भी कर दी थीं, जिसके बाद भारत में “बॉयकॉट मालदीव” का अभियान शुरू हो गया। और इसका नतीजा ये हुआ कि मालदीव को अक्ल आ गई।
बदलते रिश्ते और न्योतों का दौर
देश में हालात बिगड़ने और ‘बॉयकॉट मालदीव’ अभियान से पर्यटन पर पड़े असर के बाद, मुइज़ू ने अपनी सख्ती छोड़ दी है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को सुधारने के प्रयास शुरू किए हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद भले ही मुइज़ू ने भारत का दौरा नहीं किया हो, लेकिन उन्होंने पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह (जून 2024 में) जैसे वैश्विक मंचों पर उनसे मुलाकात की है और मालदीव आने का न्योता भी दिया है। इस दौरान, दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने का भी फैसला किया। मुइज़ू ने भारत को “करीबी दोस्त” और “महत्वपूर्ण साझेदार” बताया और कहा कि मालदीव ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान हो।
मालदीव भारत से दोस्ती के लिए बेताब
इसीलिए, बहिष्कार अभियान के बाद से मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील (Abdullah Khalil) करीब तीन बार भारत आ चुके हैं।1 यह दिखाता है कि मालदीव भारत के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करना चाहता है। यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब मालदीव के चीन के साथ बढ़ते रिश्तों को लेकर भारत और कुछ पश्चिमी देश थोड़ी चिंतित हैं। खलील ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) के साथ विकास, रक्षा, सुरक्षा और व्यापार जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि भारत मालदीव की प्रगति के लिए हमेशा उनके साथ खड़ा है और आतंकवाद के खिलाफ मालदीव के समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। इस अवसर पर, विदेश मंत्री खलील ने एक बार फिर भारत के पीएम मोदी को मालदीव आने का न्योता दिया।
PM Modi कर सकते हैं मालदीव का दौरा
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जुलाई में अपने देश आने का न्योता दिया है। भारत इस पर सकारात्मक रूप से विचार कर रहा है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू ने 2024 में पीएम मोदी को आमंत्रित किया था, और पिछले हफ्ते उनके विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील भारत आए और फिर से पीएम मोदी को देश आने का न्योता दिया। अभी यह तय नहीं हुआ है कि पीएम मोदी का दौरा कब और कैसे होगा, लेकिन ऐसी चर्चा है कि पीएम मोदी 26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मालदीव का दौरा कर सकते हैं। अगर यह दौरा होता है, तो नवंबर 2023 में मुइज़ू के राष्ट्रपति बनने के बाद यह मोदी की मालदीव की पहली यात्रा होगी।
यह भी पढ़िए: Virat Kohali पब-रेस्टोरेंट One 8 Commune पर केस जानिए किस चीज से जुड़ा है मामला
अस्वीकरण (Disclaimer):यह लेख भारत और मालदीव के बीच बदलते कूटनीतिक संबंधों और पीएम मोदी के संभावित मालदीव दौरे पर आधारित है। सभी जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक बयानों से ली गई है। कृपया ध्यान दें कि राष्ट्रपति मुइज़ू ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत का आधिकारिक दौरा नहीं किया है; उन्होंने पीएम मोदी से अंतरराष्ट्रीय मंचों और भारत में पीएम के शपथ ग्रहण समारोह जैसे अवसरों पर मुलाकात की है। किसी भी यात्रा या कूटनीतिक घटनाक्रम की अंतिम पुष्टि के लिए, कृपया संबंधित देशों के विदेश मंत्रालयों की आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें।