Snake Bite Treatment: बारिश के मौसम में सांप के काटने का खतरा बढ़ जाता है. जब सांपों के बिलों या छिपने की जगहों में पानी भर जाता है, तो वे रिहायशी इलाकों की तरफ आ जाते हैं. भारत में हर साल 46 हज़ार से ज़्यादा लोग सांप के काटने से मर जाते हैं. इनमें से आधे से ज़्यादा लोग तो ज़हरीले न होने वाले सांपों के काटने से ही जान गंवा देते हैं. उन्हें सांपों के बारे में जानकारी नहीं होती और वे घबराहट और चिंता से अपनी जान गँवा बैठते हैं.
भारत में केवल 15 प्रतिशत सांप ही ज़हरीले होते हैं
भारत में सांपों की 450 प्रजातियाँ पाई जाती हैं. इनमें से सिर्फ़ 15 प्रतिशत सांप ही ज़हरीले होते हैं. इनमें कोबरा, कॉमन करैत, स्केल्ड वाइपर, रसेल वाइपर और पिट वाइपर की प्रजातियाँ ही ज़हरीली हैं. धामन, दोमुंहा, अजगर और राजस्थानी बोआ जैसे सांप ज़हरीले नहीं होते.
कैसे पहचानें सांप का काटना ज़हरीला है या नहीं
जब कोई सांप काटता है, तो सबसे ज़रूरी होता है यह पता लगाना कि सांप ज़हरीला है या नहीं. काटने वाली जगह को ध्यान से देखें. अगर वहाँ केवल 2 दांतों के निशान हैं, तो इसका मतलब है कि सांप ज़हरीला है. अगर 2 से ज़्यादा निशान हैं, तो सांप ज़हरीला नहीं है. सांप ज़हरीला हो या न हो, इलाज तुरंत शुरू कर देना चाहिए.
सांप काटने पर तुरंत करें ये काम
- ज़्यादा ज़रूरी है शांत रहना: सांप काटने पर सबसे पहले अपने मन को शांत रखें और घबराएं नहीं.
- डायल करें 15400: अपने मोबाइल पर 15400 डायल करें. यह सांप काटने की इमरजेंसी हेल्पलाइन है. यहाँ से आपको ज़रूरी सलाह मिलेगी.
- एम्बुलेंस बुलाएं: तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं और नज़दीकी अस्पताल जाएं.
4 घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचें, बच जाएगी जान
सांप काटने के बाद आपके पास 4 घंटे का सुरक्षित समय होता है, इसलिए बिल्कुल घबराएं नहीं. अगर आप 4 घंटे के भीतर अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपकी जान आसानी से बच जाएगी. अस्पताल में डॉक्टर आपको टेटनस का टीका, एंटीबायोटिक और एंटी-वेनम वैक्सीन नस में देंगे. यह वैक्सीन 5 तरह के ज़हर के लिए बनाई गई है. सही समय पर मिलने पर यह आपकी जान बचा लेगी.
ज़हरीले सांप के काटने पर ये लक्षण दिखते हैं:
- तेज दर्द
- नींद आना
- मुँह से झाग निकलना
- साँस लेने में दिक्कत
- उल्टी, पेट दर्द, जी मिचलाना
- काटी गई जगह पर सूजन और जलन
- निगलने में दिक्कत
- पलकें बंद होना
क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
- काटी गई जगह को साबुन और पानी से धोएं.
- दांतों के निशान देखकर पता करें कि सांप ज़हरीला था या नहीं.
- काटी गई जगह को दिल के स्तर से नीचे रखें.
- काटे गए शरीर के हिस्से को स्थिर रखें.
- काटी गई जगह पर पट्टी बाँधें. पीड़ित को दिलासा दें और उसे ज़्यादा हिलने-डुलने से मना करें.
- तुरंत ऐसे बड़े अस्पताल जाएं जहाँ एंटी-वेनम स्नेक (AVS) इंजेक्शन उपलब्ध हो. डॉक्टर से इसे लगवाएं.
क्या न करें:
- काटी गई जगह पर बर्फ़ या कोई गर्म चीज़ न लगाएं.
- काटी गई जगह को कसकर न बाँधें. खून का बहाव रुकने से नुकसान हो सकता है.
- काटी गई जगह पर कोई चीरा न लगाएं. मुँह से ज़हर चूसने की कोशिश न करें.
- शराब या कोई नींद की दवा न दें.
- किसी भी तरह के अंधविश्वास में न पड़ें. तांत्रिकों और बाबाओं के चक्कर में पड़कर समय बर्बाद न करें.
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जानकारी ही है सांप के काटने से बचाव: भारत में आधे से ज़्यादा लोग बिना ज़हर वाले सांप के काटने से जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनमें जानकारी की कमी होती है. सभी सांप ज़हरीले नहीं होते. सांपों में हर समय पूरा ज़हर नहीं होता. अगर होता भी है, तो वे सारा ज़हर आपके शरीर में इस्तेमाल नहीं कर सकते. सांप के काटने से बचने के लिए सही जानकारी होना ज़रूरी है.