भेल भोपाल।
बीएचईई थ्रिफट एंड क्रेडिट को—आपरेटिव सोसायटी की आमसभा हंगामेदार रही। सोसायटी सदस्यों और अध्यक्ष के बीच घमासान छिड़ा रहा। यहां तक कि आमसभा में प्रस्ताव तक पारित नहीं हो पाए। सदस्यों की मांग थी ऋण ब्याज दर को 9.5 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत किया जाए वहीं संचालक मंडल को मिलने वाला आमसभा का भत्ता 1500 रुपए आम सदस्यों को भी दिया जाए इसको लेकर काफी देर तक बहस चलती रही।
आमसभा इतनी हंगामेदार रही कि अध्यक्ष को आमसभा से पहले ही वापस जाना पडा। इस पर सदस्य रामनारायण गिरी ने सार्वजनिक ऐलान किया कि अध्यक्ष के जाने के कारण आमसभा के सभी प्रस्ताव अमान्य हैं। संस्था सदस्य नरेश सिंह जादौन का कहना है कि प्रमुख रूप से ब्याज दर 7 प्रतिशत करने का मुदृदा उठाया। लाभांश अधिक देने की मांग की। गिफ्ट की जगह कूपन दिए जाएं। सदस्यों की इस मांग को ठुकराना गिफ्ट खरीदी प्रक्रिया को संदेहास्पद बताया है। वहीं सभी सदस्यों ने बिल्डिंग मेंटेनेंस 45 लाख के अनुमोदन को भी ठुकरा दिया। जबकि बिलिडंग की स्थित ठीक है। श्री जादौन का आरोप है कि बिना पढ़े ही मनमाने तरीके से प्रस्ताव पारित कर दिया।
संस्था सदस्यों ने बताया कि थ्रिफ्ट में विषय सूची अनुसार प्रस्ताव क्रमांक 1- वर्ष 2024-25 में हुए कार्य एवं वर्ष 2025-26 के लिए कार्य योजनाओं के संबंध में अध्यक्षीय प्रतिवेदन जो पूर्व वर्ष 2023-24 में ही अनुमोदन किया जा चुका है अध्यक्ष द्वारा उक्त प्रस्ताव पर माफी मांगते हुए कहा कि ये गलती से छप गया है अतः संस्था सदस्यों ने 2024-25 में हुए कार्य एवं वर्ष 2025-26 की कार्ययोजनाओं के संबंध में अध्यक्षीय प्रतिवेदन का एक स्वर में बहुमत के साथ अनुमोदन नहीं किया अतः अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव क्रमांक एक अमान्य किया गया।
प्रस्ताव क्रमांक 3 वर्ष 2024-25 के अंकेक्षित लेखा पत्रकों, अंकेक्षक के प्रतिवेदन एवं पालन प्रतिवेदन पर विचारोपरांत अनुमोदन- प्रस्तुत अंकेक्षक प्रतिवेदन, विवरण पत्रक, लाभ हानि, ट्रेडिंग अकाउंट पत्रक, आदि पर बहुमत से सदस्यों द्वारा अनुमोदन नहीं किया गया।
लाभ हानि एवं ट्रेडिंग अकाउंट पत्रक आदि पर सदस्यों द्वारा जानकारी चाही गई, बचत बाजार एवं सहकारी वस्त्रालय में वर्ष 2024-25 में संस्था के धन से खरीदी , विक्रय अलग अलग कितना लाभ हुआ या कितनी हानि हुई ये इन पत्रकों से ज्ञात नहीं हुआ न ही अध्यक्ष सदस्यों को उक्त विषय पर संतोषजनक जवाब दे पाए।
कुछ विषयों पर सदस्यों द्वारा अध्यक्ष से प्रश्न किए गए जिसका भी वे संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके और कहा कि इसका जवाब चार्टड अकाउंटेट देगे। चार्टड अकाउंटेट द्वारा जवाब देने पर सदस्यों द्वारा घोर विरोध किया गया चूंकि चार्टड अकाउंटेट न संस्था सदस्य है न आमसभा में बैठने के पात्र है अतः सदस्यों के द्वारा आय व्यय पत्रक पर कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
बैठक में अध्यक्ष की सदस्यों द्वारा संस्था में जमा की गई स्थाई अमानत (एफडी) कुल 22.65 करोड़ है जबकि संस्था के पास बैंकों में कुल धन 11.42 करोड़ ही है ऋण इस तरीके से बांटा जा रहा है कि संस्था एनपीए की ओर अग्रसर हो रही है।
सदस्यों द्वारा एक स्वर में संचालकों द्वारा लिए जाने वाले बैठक भत्ते 1500 रुपए के बराबर सदस्यों को भी आम सभा में उपस्थित होने पर मिलने वाले 100 रुपए को 1500 रुपए करने का प्रस्ताव पारित किया। संस्था की आमसभा में विशेष रूप से सवाल उठाने वालों में संस्था सदस्य विशाल वाणी, विजेंद्र पाटिल, रोहित कुमार, जय प्रकाश चौधरी, गजेंद्र सोनी
प्रशांत सलामे, रमानंदन सिंह, चेतन साहू, धर्मेंद्र गुप्ता आदि शामिल थे।
अध्यक्ष द्वारा सदस्यों के सवालों के संतोषजनक उत्तर न देते हुए बीच में ही आमसभा छोड़कर चले गए आगे की कार्यवाही उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला की अध्यक्षता में संपन्न हुई उनके द्वारा सभा समाप्ति की घोषणा के पूर्व सचिव निशा वर्मा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रेषित किया गया। इधर संस्था अध्यक्ष बसंत कुमार का कहना है कि आमसभा की कार्यवाही शुरू हुई। कार्यक्रम का संचालन किरण-सचिव के द्वारा किया गया। संस्था अध्यक्ष द्वारा बेलेंस शीट का लेखा-जोखा पढ़कर सुनाया तथा आने वाले वर्ष की योजनाओं, बजट की जानकारी दी उपस्थित सदस्यों द्वारा करतल ध्वनि से समस्त अनुमोदन किया गया।
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इधर अध्यक्ष का कहना है कि ऋण ब्याज दर को 9.5 प्रतिशत से घटाकर 9.0 प्रतिशत किया गया। दो शेयर को बढ़ाकर कम से कम दस शेयर किया गया। एमसीजीएफ 50 रुपये की राशि जो हर वर्ष 31 मार्च को संस्था के सदस्यों के खाते से डिडक्ट किये जाते थे उसे बंद किया गया। डिविडेंड को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत किया गया।
सदस्य समृद्धि योजना को पुनः शुरू किया गया। संस्था अध्यक्ष बसंत कुमार, राजेश शुक्ला-उपाध्यक्ष, निशांत कुमार नंदा-वरिष्ठ उपाध्यक्ष, किरण-सचिव, संचालक निशा वर्मा, दीपक गुप्ता, राजकुमार इड़पाची, रजनीकांत चौबे, आशीष, राजमल बैरागी, एवं कमलेश नागपुरे मौजूद थे। यह जानकारी संस्था अध्यक्ष बसंत कुमार ने एक प्रेस विज्ञिप्त में दी।
