लेह-लद्दाख में पिछले दो दिनों से प्रशासन ने कर्फ्यू लगा रखा है. यह स्थिति 24 सितंबर को अचानक तब बिगड़ी जब शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की 15 दिनों से चल रही भूख हड़ताल के बाद युवाओं ने हिंसा और उपद्रव फैला दिया. प्रदर्शनकारी और वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. बुधवार को हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने इलाके में BNS की धारा 163 (पूर्व में धारा 144) लागू कर दी थी, जिसके तहत आज भी कर्फ्यू जारी है. पुलिस ने अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया है.
ताजा हालात और केंद्र से बातचीत
गृह मंत्रालय की एक टीम ने लेह पहुंचकर हालातों का जायजा लिया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में और स्थिर है, लेकिन अगले दो दिनों के लिए स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया हैकेंद्र सरकार ने इस मामले को सुलझाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय की टीम ने लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस संगठन के प्रतिनिधियों और स्थानीय सांसदों को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया है. इन नेताओं के साथ केंद्र के अधिकारियों की 27 और 28 सितंबर को अहम बैठक होगी, जिसमें स्थानीय लोगों की मांगों और हितों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
धारा 163 के तहत प्रतिबंध
केंद्र शासित प्रदेश में BNS की धारा 163 लागू होने के कारण कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं:
- इलाके में पिछले दो दिनों से कर्फ्यू जारी है.
- इंटरनेट सेवा पूरी तरह से ठप कर दी गई है.
- सभी स्कूल-कॉलेज बंद हैं.
- जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना किसी भी तरह का जुलूस या रैली निकालना प्रतिबंधित है.
- एक साथ 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर भी पाबंदी लगाई गई है. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 27 और 28 सितंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में इन मांगों पर क्या सहमति बन पाती है.

