टेक्नोलॉजी की दुनिया के बादशाह एलन मस्क (Elon Musk) भारत के इंटरनेट यूज़र्स को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में हैं. उनकी कंपनी स्टारलिंक (Starlink), जो SpaceX की एक इकाई है, भारत में अपनी हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा (Satellite Internet Service) लॉन्च करने के लिए कमर कस रही है. कंपनी ने मुंबई में एक बड़ा दफ्तर किराए पर लिया है, जिसे भारत में उसकी पहली आधिकारिक मौजूदगी माना जा रहा है.
1. भारत में कब शुरू हो सकती है स्टारलिंक सेवा?
स्टारलिंक भारत में अपनी सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है.
- डेमो रन: कंपनी 30 और 31 अक्टूबर को मुंबई में अपने हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क की क्षमताओं को दिखाने के लिए तकनीकी और सुरक्षा डेमो रन कर रही है.
- लॉन्च की उम्मीद: उम्मीद है कि ट्राई (TRAI) द्वारा जनवरी-फरवरी 2026 तक कीमतों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद, स्टारलिंक अपनी सेवा व्यावसायिक रूप से (Commercially) शुरू कर सकती है.
- सरकारी मंजूरी: कंपनी को DoT और IN-SPACe से मंजूरी मिल चुकी है.
2. स्टारलिंक भारत के लिए क्यों है ‘गेम चेंजर’?
स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा भारत के लिए एक बड़ा बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ पारंपरिक कनेक्टिविटी की समस्या है.
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट: यह सेवा देश के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में भी ब्रॉडबैंड इंटरनेट एक्सेस को संभव बनाएगी, जहाँ फ़ाइबर या मोबाइल नेटवर्क पहुँचना मुश्किल होता है.
- आपदा में कनेक्टिविटी: आपदा प्रभावित क्षेत्रों (Disaster-affected areas) में, जहाँ सामान्य ब्रॉडबैंड सेवाएं ठप हो जाती हैं, स्टारलिंक की सेवा जीवन रेखा साबित हो सकती है.
- तेज स्पीड: यह सैटेलाइट नेटवर्क के जरिए हाई-स्पीड, कम विलंबता (Low-latency) वाली इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती है.
3. ग्लोबल मार्केट में स्टारलिंक का दबदबा
स्टारलिंक पहले से ही दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में अपनी सेवा दे रही है.
- कंपनी के दुनिया भर में 70 लाख (7 Million) से अधिक यूज़र्स हैं.
- यह सेवा न केवल ज़मीन पर, बल्कि जहाजों और हवाई जहाजों पर भी काम करने में सक्षम है.
यह भी पढ़िए: नगर सलाहकार समिति की बैठक
4. भारत में बढ़ी प्रतिस्पर्धा
विशेषज्ञों का मानना है कि स्टारलिंक के आने से भारत के सैटेलाइट इंटरनेट सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. इससे इंटरनेट सेवा की गुणवत्ता और पहुँच (Accessibility) में एक बड़ा बदलाव आ सकता है.

