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बार-बार Acidity से हैं परेशान? सिर्फ मसालेदार खाना नहीं, ये 3 अंदरूनी कमी हैं पेट की जलन की असली वजह!

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एसिडिटी (Acidity) या एसिड रिफ्लक्स आजकल एक आम समस्या बन गई है, जिसमें पेट का एसिड वापस भोजन नली (Food Pipe) में आ जाता है. इससे पेट और सीने में तेज़ जलन होती है और मुँह में खट्टी गैस आने लगती है. अक्सर हम इसके लिए मसालेदार या तला-भुना खाना ही दोषी मानते हैं, लेकिन सर्टिफाइड न्यूट्रिशनिस्ट आशिमा अछतानी बताती हैं कि कई बार शरीर के अंदरूनी पोषक तत्वों की कमी और हार्मोनल असंतुलन भी इस समस्या को ट्रिगर करता है.

अगर आप ज़्यादा मसालेदार भोजन नहीं करते, फिर भी बार-बार एसिडिटी से जूझ रहे हैं, तो न्यूट्रिशनिस्ट तुरंत तीन अहम टेस्ट कराने की सलाह देती हैं.

1. आयरन टेस्ट: एसिड उत्पादन की कमी

पेट में पर्याप्त एसिड का होना पाचन के लिए बहुत ज़रूरी है, लेकिन आयरन (Iron) की कमी इस प्रक्रिया को बाधित कर सकती है. न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, अगर आपके पेट में एसिड का उत्पादन कम हो रहा है, तो आयरन ठीक से अवशोषित नहीं हो पाता. इसके विपरीत, आयरन के बिना एसिड का निर्माण भी सही तरीके से नहीं हो पाता है. यह दुष्चक्र सीने में जलन (Heartburn) और एसिडिटी का कारण बनता है. इसलिए, आयरन टेस्ट कराकर यह ज़रूर जान लें कि कहीं आपके पेट की जलन का कारण यह कमी तो नहीं है.

2. होमोसिस्टीन लेवल: विटामिन की कमी का संकेत

शरीर में होमोसिस्टीन (Homocysteine) का उच्च स्तर सीधे तौर पर आपके विटामिन B12 और फोलेट की कमी को दर्शाता है. हाई होमोसिस्टीन का स्तर आपकी आंतों की परत (Gut Lining) को कमजोर कर देता है, जिससे एसिडिटी की समस्या बढ़ जाती है. यह अंदरूनी समस्या है जिस पर अक्सर लोग ध्यान नहीं देते, जबकि यह एसिड रिफ्लक्स का एक मुख्य कारण हो सकती है.

3. हाई इंसुलिन लेवल: धीमी पाचन क्रिया

न्यूट्रिशनिस्ट ने समझाया कि इंसुलिन (Insulin) का उच्च स्तर होने पर भोजन आपके शरीर में लंबे समय तक पड़ा रहता है. इससे भोजन का पाचन धीमा हो जाता है, और वह पचने के बजाय किण्वित (Ferment) होकर गैस या एसिड के रूप में ऊपर की ओर उठने लगता है. यह स्थिति तेज़ी से एसिडिटी को जन्म देती है. हाई इंसुलिन लेवल की जांच कराकर आप इस हार्मोनल असंतुलन को पहचान सकते हैं.

एसिडिटी के अन्य बड़े कारण

उपरोक्त अंदरूनी कारणों के अलावा, कुछ जीवनशैली की आदतें और अन्य स्थितियाँ भी एसिडिटी को बढ़ाती हैं:

  • तनाव और कॉर्टिसोल: अत्यधिक तनाव (Stress) या कॉर्टिसोल हार्मोन में गड़बड़ी एसिड उत्पादन को बढ़ा देती है.1
  • H. Pylori संक्रमण: पेट में एच. पाइलोरी (H. Pylori) बैक्टीरिया का संक्रमण एसिडिटी को बढ़ाता है और अल्सर का कारण बन सकता है.2
  • खराब आदतें: खाने के तुरंत बाद लेट जाना, नींद की कमी, धूम्रपान, और शारीरिक गतिविधि का अभाव.
  • दवाएँ: अत्यधिक दर्द निवारक, एंटीबायोटिक्स या एंटीडिप्रेसेंट जैसी दवाइयों का सेवन भी एसिडिटी कर सकता है.

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एसिडिटी से तुरंत राहत के घरेलू उपाय

एसिडिटी का कारण जानकर डॉक्टर से इलाज करवाना ही सबसे बेहतर है. तुरंत राहत के लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं:

  • केला (Banana), ओटमील और सलाद का सेवन करें.
  • सौंफ का पानी बनाकर पिएँ.
  • अदरक की हर्बल चाय या इलायची खाने से भी एसिडिटी में फायदा होता है.

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