JDU : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA और महागठबंधन दोनों में ही सीट शेयरिंग का पेंच फंसा हुआ है, लेकिन दोनों ही मुख्य दलों JDU और RJD ने लिस्ट जारी होने से पहले ही अपने संभावित उम्मीदवारों को पार्टी सिंबल (चुनाव चिन्ह) बांटना शुरू कर दिया है. पहले JDU ने यह प्रक्रिया शुरू की और अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने भी अपने आवास पर कई नेताओं को बुलाकर चुनाव चिन्ह सौंपे हैं.
यह प्रक्रिया बिहार की राजनीति में एक अघोषित टिकट वितरण का संकेत मानी जा रही है, जिससे चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है.
RJD से इन नेताओं को मिला पार्टी सिंबल
महागठबंधन में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा होने से पहले ही, RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने कई नेताओं को बुलाकर पार्टी का चुनाव चिन्ह सौंप दिया. यह साफ संकेत है कि इन नेताओं का टिकट पक्का हो चुका है:
- भाई वीरेंद्र: पटना की मनेर सीट से विधायक
- डॉ. संजीव कुमार: परबत्ता
- राजेश कुमार: हथुआ
- बोगो सिंह: मटिहानी
- रेखा पासवान: मसौढ़ी
- दीपू सिंह: संदेश
- मुन्ना यादव: मीनापुर
- शंभू यादव: ब्रह्मपुर
- अनिता देवी: नोखा
- अब्दुल इस्लाम शाहीन: समस्तीपुर
- ललन यादव: साहेबपुर कमाल
- ललित यादव: दरभंगा
- चंद्रशेखर: मधेपुरा
- शक्ति यादव: हिलसा
JDU ने भी इन उम्मीदवारों को बांटे सिंबल
NDA में सीट शेयरिंग की आधिकारिक घोषणा से पहले ही, JDU ने भी अपने कई उम्मीदवारों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर सिंबल देना शुरू कर दिया था. यह प्रक्रिया प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ नेता संजय झा की मौजूदगी में चल रही है:
- उमेश सिंह कुशवाहा: प्रदेश अध्यक्ष (सबसे पहले सिंबल मिला)
- सुनील कुमार: मंत्री
- शैलेश कुमार: जमालपुर उम्मीदवार
- दामोदर रावत: पूर्व मंत्री
- रत्नेश सदा: मंत्री
- अनंत सिंह: मोकामा (पूर्व विधायक, उनके प्रतिनिधि ने सिंबल लिया)
सीट शेयरिंग से पहले सिंबल क्यों?
आम तौर पर, चुनाव चिन्ह का वितरण गठबंधन में सीट बंटवारे की अंतिम सूची जारी होने के बाद किया जाता है. लेकिन JDU और RJD द्वारा यह प्रक्रिया पहले ही शुरू करने से यह स्पष्ट है कि दोनों दल अपने पक्की सीटों पर अब और समय बर्बाद नहीं करना चाहते हैं. यह कदम दर्शाता है कि दोनों प्रमुख दल चुनाव की तैयारियों में तेजी ला रहे हैं और विरोधियों को जल्दी जवाब देना चाहते हैं.
महागठबंधन में फंसा सीटों का पेंच
RJD का यह कदम तब आया है जब महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी भी खींचतान जारी है. मुकेश सहनी जैसे नेता अधिक सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं, जिसके चलते औपचारिक घोषणा में देरी हो रही है. ऐसे में, सिंबल बांटकर लालू यादव ने साफ कर दिया है कि वह अपने कोर उम्मीदवारों पर कोई समझौता नहीं करेंगे.