भोपाल
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में रविवार एक ब्रेन डेड मरीज के हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया संपन्न हुई। इस अवसर पर एम्स में दो ऑटो तैयार की गईं — एक में अंग निकाले गए और दूसरी में उन्हें प्रत्यारोपित किया गया। इस ब्रेन डेड मरीज से तीन लोगों को नया जीवन मिला है। 40 वर्षीय महिला को हार्ट और दो अलग-अलग मरीजों को किडनी दी गई।
एक किडनी एम्स में प्रत्यारोपित की गई, जबकि दूसरी निजी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। 37 वर्षीय इंजीनियरिंग पेशे से जुड़े मरीज को कुछ दिन पहले एम्स में भर्ती किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों की सहमति के बाद सभी जांचों के उपरांत उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया, जो कानूनी रूप से मृत्यु मानी जाती है।

