Odisha cyclone alert:बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान की गतिविधियां सक्रिय होने से ओडिशा में चक्रवात (Cyclone) का खतरा बढ़ गया है. मौसम विभाग (IMD) ने 27 अक्टूबर तक राज्य के तटीय इलाकों में मूसलाधार बारिश और तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है. हालांकि तूफान के आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ने की संभावना है, फिर भी ओडिशा में आपदा प्रबंधन टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. राज्य सरकार ने हर स्थिति से निपटने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं.
1. मौसम विभाग का ‘येलो अलर्ट’ और चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो 27 अक्टूबर तक पूर्ण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है.
- भारी बारिश की आशंका: IMD ने 27 से 29 अक्टूबर तक ओडिशा के तटीय और दक्षिणी जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है.
- तेज हवाएं: तटीय इलाकों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और 60 किमी/घंटा तक की झोंकेदार हवाएं चलने की चेतावनी जारी की गई है.
- येलो अलर्ट: पूरे राज्य के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है.
2. सरकार की ‘आपदा प्रबंधन’ तैयारी
ओडिशा सरकार, जो बाढ़ और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है, ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.
- टीम अलर्ट पर: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुनील पुजारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं.
- विभाग तैयार: स्वास्थ्य, जल संसाधन, ऊर्जा और कृषि विभाग को पूरी ताकत से तैनात कर दिया गया है.
- राहत शिविरों की व्यवस्था: संभावित तटीय क्षेत्रों से लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाना शुरू कर दिया गया है, जहाँ भोजन और जरूरी सामान उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
3. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
चक्रवात के खतरे को देखते हुए, तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.
- मछुआरों के लिए निर्देश: मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है, क्योंकि समुद्र में स्थिति अशांत रहने की संभावना है.
- सुरक्षित रहें नागरिक: सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए राहत शिविरों में सुरक्षित रहें.
4. तूफान का संभावित रास्ता
मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान पूर्वानुमान से पता चलता है कि तूफान का केंद्र पश्चिम-मध्य और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा, जिससे इसके आंध्र प्रदेश तट के करीब पहुंचने की अधिक संभावना है. हालांकि, ओडिशा में इसका व्यापक असर बारिश और तेज हवाओं के रूप में देखने को मिलेगा.
क्या आपको लगता है कि ओडिशा सरकार की तैयारी इस बार के संभावित तूफान से निपटने के लिए काफी है?

