Colon Cancer: कब्ज (Constipation) एक आम समस्या है, लेकिन अगर यह लगातार बनी रहे और बार-बार इलाज के बावजूद ठीक न हो, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए. विशेषज्ञ आचार्य मनीष के अनुसार, लंबे समय तक बनी रहने वाली कब्ज कोलन कैंसर (Colon Cancer) का कारण बन सकती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कब्ज के कारण मल त्याग (Bowel Movement) के दौरान आंतों पर ज़ोर पड़ता है, जो कैंसर जैसी गंभीर समस्या को जन्म दे सकता है.
यह समझना ज़रूरी है कि कब्ज होने पर हमारी आंतों में क्या बदलाव आते हैं और किन लक्षणों को हमें गंभीरता से लेना चाहिए.
1. कब्ज होने पर आंतों में क्या होता है?

जब बड़ी आंत (Large Intestine) से मल ठीक से पास नहीं हो पाता और ज़ोर लगाने के बाद ही निकलता है, तो यह आंतों को परेशान करता है.
- मल त्याग में कठिनाई: अगर आंत के शुरुआती हिस्से में कैंसर होता है, तो यह मल त्याग में कठिनाई पैदा करता है.
- आंतों पर दबाव: बार-बार ज़ोर लगाने से आंतों पर दबाव पड़ता है, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है.
2. कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण
जब बड़ी आंत में कैंसर होता है, तो आंतें ठीक से काम नहीं कर पातीं, जिससे पाचन क्रिया में बड़े बदलाव आते हैं.
- मल त्याग की आदतों में अचानक बदलाव: बार-बार दस्त (Diarrhea) या कब्ज होना, जो लगातार बना रहे.
- मल के रंग/बनावट में बदलाव: मल की बनावट (Texture) का असामान्य होना, जैसे कि ढीला मल या लंबे समय तक मल का न आना.
- पेट दर्द और गैस: पेट में दर्द या लगातार गैस बने रहना भी कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
3. आचार्य मनीष की चेतावनी और अन्य गंभीर संकेत
आचार्य मनीष अपने वीडियो में समझाते हैं कि अगर आपकी मल त्याग की आदतें बदल रही हैं, तो इस पर तुरंत ध्यान दें.
- मल में खून: मल त्याग के दौरान खून आना (Blood in Stool) एक बहुत ही गंभीर संकेत है.
- पेट में भारीपन: मल त्याग में कठिनाई और पेट में लगातार भारीपन महसूस होना भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
- गाँठ महसूस होना: यदि आपको पेट में कोई गाँठ (Lump) महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- अचानक वज़न घटना: बिना किसी प्रयास के अचानक वज़न कम होना भी एक चेतावनी का संकेत है.
4. कब्ज और कैंसर से बचाव के लिए उपाय
इन गंभीर समस्याओं से बचने के लिए अपने खान-पान और आदतों पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है.
- फाइबर युक्त आहार: अपने आहार में फाइबर (Fiber) की मात्रा बढ़ाएँ, जैसे हरी सब्ज़ियाँ, फल और साबुत अनाज.
- स्वस्थ आदतें: अपनी जीवनशैली और आदतों पर विशेष ध्यान दें.

