कटरा।
नववर्ष के अवसर पर जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, भवन क्षेत्र में भीड़भाड़ रोकने, दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने तथा ट्रैक पर बेहतर भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से चढ़ाई और उतराई—दोनों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। ये नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं।
संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, श्रद्धालुओं को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड (RFID कार्ड) प्राप्त करने के 10 घंटे के भीतर यात्रा प्रारंभ करना अनिवार्य होगा। वहीं, माता के दर्शन पूर्ण करने के बाद श्रद्धालुओं को अधिकतम 24 घंटे के भीतर कटरा बेस कैंप लौटना होगा। श्राइन बोर्ड का मानना है कि इन नियमों से भवन क्षेत्र में अनावश्यक ठहराव रुकेगा और जाम जैसी स्थिति से बचा जा सकेगा। गौरतलब है कि इससे पहले आरएफआईडी कार्ड प्राप्त करने के बाद यात्रा शुरू करने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं थी। श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी चढ़ाई शुरू कर सकते थे और दर्शन के पश्चात भवन क्षेत्र में कई-कई दिनों तक रुक जाते थे। इससे विशेषकर पर्व, त्योहार और नववर्ष जैसे अवसरों पर अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी।
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कटरा से माता वैष्णो देवी भवन तक की दूरी लगभग 13 किलोमीटर है। यह यात्रा पैदल, घोड़े, पिट्ठू, बैटरी कार अथवा हेलीकॉप्टर के माध्यम से की जा सकती है। सामान्य रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति को पैदल चढ़ाई में लगभग 6 से 8 घंटे तथा उतराई में भी इतना ही समय लगता है। आम दिनों में पूरी यात्रा 24 से 36 घंटे में संपन्न हो जाती है, लेकिन नववर्ष जैसे विशेष अवसरों पर भारी भीड़ के कारण यात्रा में अधिक समय लग सकता है।
