भोपाल।
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होने के दस दिन बाद, 5 जनवरी से जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों—बैरसिया, उत्तर, नरेला, मध्य, दक्षिण-पश्चिम, गोविंदपुरा और हुजूर—के नो-मैपिंग वाले 1 लाख 16 हजार 925 मतदाताओं की सुनवाई प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए सोमवार से नोटिस तामीली की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। नोटिस तामील होने के बाद मतदाता अपने दस्तावेज सीधे बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को सौंप सकेंगे। बीएलओ मौके पर ही दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करेंगे, जिससे तय तिथि पर सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि नोटिस में 5 जनवरी से सुनवाई की तारीख अंकित है और दस्तावेजों की जांच पूरी तरह ऑनलाइन होगी।
मंगलवार से नोटिस तामीली का काम तेज किया जाएगा। नोटिस पर संबंधित बीएलओ का नाम और मोबाइल नंबर भी दर्ज रहेगा, ताकि मतदाता सीधे संपर्क कर सकें। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिना वैध प्रमाण के किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जाएगा। जिन मतदाताओं का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, उन्हें नाम जुड़वाने के लिए जिले से जारी 12 वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच पांच दिन में पूरी की जाएगी। इस प्रक्रिया की निगरानी और सहायता का दायित्व कलेक्टर के पास रहेगा। दस्तावेजों की पुष्टि उसी विभाग से कराई जाएगी, जिसने उन्हें जारी किया है।
नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए झूठी जानकारी देना संज्ञेय अपराध है। यह बीएनएस की धारा 217 तथा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 31 के तहत दंडनीय है, जिसमें जेल, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। ऐसे मामलों में ईआरओ कार्रवाई के लिए सक्षम होंगे।
