भोपाल.
इस्कॉन भेल BYC के यूथ फेस्ट “उपहार’ में एक हजार से ज्यादा युवाओं ने भाग लिया। रविवार शाम चार बजे शुरू हुए यूथ फेस्ट में इस्कॉन मॉन्क (साधु) और मोटिवेशनल स्पीकर अमोघ लीला दास प्रभु ने युवाओं को लाइफ में स्टेस फ्री रहने और सक्सेस रहने के मंत्रा दिए। उत्कल सांस्कृति परिषद के सहयोग से हुए इस यूथ फेस्ट में विदिशा, रायसेन, जबलपुर, इंदौर, सीहोर, आष्टा सहित आसपास जिलों के यूथ पहुंचे। इस दौरान युवाओं ने अमोघ लीला प्रभु भगवत गीता लेकर उस पर उनका ऑटोग्राफ भी लिया।
अभी युवा डिसिप्लीन नहीं है…
क्योंकि युवा अपने कम्फर्ट जोन से बाहर नहीं आना चाहता। वो हर चीज को आराम से करना चाहता है। काल करे सो आज कर की जगह युवा कहता है, इतनी जल्दी क्या है काम करने की अभी पड़े हैं बरसों। जिराफ जब अपना बच्चा पैदा करती है, तो वो अपने बच्चे को लगातार लात मारती है। जब बच्चा समझ जाता है कि मां के पास जाने से कोई मतलब नहीं है तो खुद के पैरों पर चलना सीख जाता है। वो पैदा होते ही अपना कम्फर्ट छोड़ता है। लोग पहले स्ट्रीट लाइट के नीचे पड़ते और सक्सेस होते थे। वो कम्फर्ट छोड़कर पेन लेते थे और पढ़ते थे। आज टेबल पर लैम्प आ गया है, बच्चों के कमरों में एसी आ गया, इसलिए वो ज्यादा कम्फर्ट हो गए हैं।
रियालाइजेशन कब आता है
जब हम अच्छी संगत करते तो ही हमें रियलाइजेशन आता है। जब हम खराब लोगों की या अपने से कमतर लोगों की संगति करते हैं तो वो कभी हमें अपने अंदर नहीं झांकने देते थे। लेकिन सच्चा मित्र और हितैषी सदा आपको अपनी सच्चाई बताता है। यही कारण है कि हमें हमेशा सुलझे हुए साफ सुथरा लोगों की संगत करना चाहिए।
हमारा मन कमजोर हैं उसे कैसे मजबूत बनाएं
बड़ा सोचिए और छोटे से शुरुआत कीजिए। ज्यादातर युवा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और बड़ा करने के चक्कर में छोटा करने से भी चूक जाते हैं। उदाहरण के लिए अगर मैं रोज आठ बजे सोकर उठता हूं और जिम जाने के लिए कल से सुबह चार बजे जागूंगा तो दिनभर सोता रहूंगा। मुझे ये करना चाहिए मैं आधा-आधा घंटा करके अगले एक से दो सप्ताह में चार बजे जागूं। मतलब ये है कि हमें चीजों को गोल अचीव करने के लिए धीरे-धीरे एप्लाई करना चाहिए। पढ़ाई भी ऐसे ही करना चाहिए।
हम अपना गोल (लक्ष्य) भूल जाते हैं
अगर अपना गोल याद रखना है तो कुछ ऐसा करो जो निरंतर आपको याद दिलाए। चाहे तो घड़ी सीधे हाथ में पहन लीजिए, जब अनकम्फर्ट लगेगा तो याद आएगा कि आपने गलत हाथ में घड़ी क्यों पहनी है।
हम पढ़ाई करें या पहले भक्ति करें
सबसे पहले पढ़ाई पर फोकस करें। अगर आपने भक्ति के चक्कर में पढ़ाई छोड़ दी या विफल हो गए हो आपका नुकसान होगा। पढ़ाई पर फोकस नहीं करेंगे तो फेल हो जाएंगे, इसलिए सबसे पहले पढ़ाई पर ध्यान दीजिए। यदि दोनों साथ में कर रहे हैं तो ज्यादा फोकस पढ़ाई पर करना चाहिए। पूजा-पाठ, हरे कृष्ण महांमत्र का जप हमें सुबह ही खत्म कर लेना चाहिए और बाकी दिनभर पढ़ाई पर फोकस करना चाहिए।
लाइफ स्टाइल कैसे सुधरेगी
जब समय पर सोएंगे तो लाइफ स्टाइल सुधर जाएगी। वर्तमान में ज्यादातर युवा देर रात तक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवीज देखते हैं या यूट्यूब शॉट्स देखते हैं। कब रात को दो बज जाते हैं उनकेा पता नहीं चलता। फिर वो देर सुबह तक सोते हैँ जब तक आधा दिन खत्म हो चुका होता है। जीवन में सक्सेस होना है तो जल्दी सोकर, जल्दी उठना चाहिए। दस बजे रात को सोकर सुबह चार बजे उठने की आदत डालना चाहिए। छह घंटे की नींद पर्याप्त है, लेकिन जल्दी सोना होगा। यदि आप दस से छह सोएंगे तो आपको दिन में कभी नींद नहीं आएगी।
नौकरियां नहीं है…
नालायकों को कभी नौकरियां नहीं मिलती। नौकरियों की कमी नहीं है दरअसल हमारे पास अच्छी कैंडीडेट ही नहीं है। हमारे युवाओं के पास डिग्री होती है उनके पास स्किल नहीं होती है। इंस्टीट्यूट अच्छा होगा तो बस ये होगा कि आपको प्लेसमेंट के लिए चार कंपनियां इंटरव्यू के लिए बुलाएंगी, लेकिन जाॅब नहीं मिलेगी। यदि आपका इंस्टीट्यूट ठीकठाक भी हुअा और आपने फोकस करके किसी एक सब्जेक्ट पर पकड़ बना ली, तो आप पहले ही इंटरव्यू में सफल हो जाएंगे।