भोपाल
भेल की बीएचईई थ्रिफ्ट एंड के्रडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है वैसे-वैसे कुछ मामलों में विवाद सामने आ रहे हैं । वैसे भी यह मामला हाई कोर्ट में भी लंबित है और इसकी पैशी की तारीख 28 नवंबर नियत की गई है लेकिन इस बीच 13 नवंबर तक कोई बड़ा मामला नहीं हुआ तो समझो चुनाव में कोई परेशानी नहीं होगी । सूत्र बताते हैं कि पिछले 10 माह से चुनाव को लेकर विवादों में रही है कहीं फिर कोई नये विवाद में न उलझ जाये इसकी आशंका देखी जा रही है।
एक पक्ष का ऐसा मानना है कि चुनाव विधि अनुसार नहीं हो रहे हैं तो एक पक्ष इसे विधि सम्मत मान रहा है । हाल ही में सत्यमेव जयते पैनल ने एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि संस्था के एक सदस्य ने रजिस्टर में हस्ताक्षर में ओवर राईटिंग की है और इसकी शिकायत भी पिपलानी थाने में कर दी है । पैनल के मुखिया नरेश जादौन का चुनाव उम्मीदवार नामांकन फार्म भले ही निरस्त हो गया हो लेकिन उन्होंने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया है कि संस्था के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा निर्वाचन की प्रक्रिया में गतिविधियां संदिग्ध दिखाई दे रही हैं ।
उनका कहना है कि संस्था के निर्वाचन में वही सदस्य उम्मीदवारी कर सकते हैं जो कि लगातार तीन आम सभाओं में किसी एक आम सभा में उपस्थित रहा हो और उसके द्वारा हाजरी रजिस्टर में हस्ताक्षर हो लेकिन एक संस्था सदस्य ने पूर्व में रजिस्टर में दर्ज क्रमांक 106 को ओवर राईट करके 107 में परिर्वतित करते हुये उसके नाम को टंकित करते हुये हस्ताक्षर करवाये गये हैं जबकि यह सदस्य संस्था की 25 अगस्त 2019 और अन्य किसी भी आम सभा में मौजूद ही नहीं थे।
श्री जादौन का कहना है कि उन्होंने पुलिस में शिकायत कर 25 अगस्त 2019 के उपस्थिति रजिस्टर के पृष्ठ क्रमांक 4 की छाया प्रति भी प्रस्तुत करते हुये संबंधितों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है । उनका कहना है कि साथ ही इस हस्ताक्षर की जांच करें और अगर उनके हस्ताक्षर सत्य हैं तो 50रू. प्रोत्साहन राशि उनके खाते में संस्था के द्वारा 2019 में स्थानांतरण की गई होगी इसका पता भी लगायें ।
इधर पत्रकार वार्ता में पैनल के दीपक गुप्ता ने भी बताया आर्टिकल 43 के तहत यह संचालक मंडल दो चुनावों के लिए अयोग्य हो चुका है परंतु आपत्ति को खारिज करते हुए लिखा है कि वर्तमान संचालक मंडल के बाहर करने का अधिकार उनके पास नहीं है सत्यमेव जयते पैनल की दोनों सशक्त उम्मीदवार आशा मेंडरे और अंजना ने बताया कि उनके भी अंतिम की आम सभा में हस्ताक्षर हैं जिस आधार पर ही वह पैनल के लिए हामी भरी थी और लगातार 10 महीने से अपनी बात सदस्यों के बीच रख रही थी वर्तमान मातृशक्ति के साथ अन्याय किया है ।
पैनल के उम्मीदवार कृष्णा डोंगरे ने बताया कि कुछ सदस्यों ने 6 दिसंबर 2021 को ही आम सभा के रजिस्टरों की छाया प्रति मांगी थी ताकि इसमें भविष्य में किसी और के नाम जुडऩे की संभावना न रहे हमें जानकारी नहीं दी गई ।
अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है भेल पारदर्शी पैनल
पिछले चुनाव में भारी बहुमत से जीती कमलेश नागपुरे के नेतृत्व में लड़ी भेल पारदर्शी पैनल के संचालकों का बहुमत उनके साथ है। इस चुनाव में भी भेल पारदर्शी पैनल के चुनाव लड़ रही है । गौरतलब है कि कुछ लोगों ने भेल पारदर्शी पैनल का नाम चुराकर इसी के नाम पर चुनाव लड़ रहे थे लेकिन यह देखकर लोगों ने इस पैनल का नाम छोड़कर गठजोड़ कर नये नाम से पैनल बनायी यह भेल पारदर्शी पैनल की जीत है । भेल पारदर्शी पैनल के संचालकगण कमलेश नागपुरे ,भीम धुर्वे, राजकुमारी सैनी , गौतम मोरे के साथ सीनियर मैनेजर प्रभात कुमार ,अभियंता अशोक तिवारी, सहायक अभियंता सुरेश भगत, सहायक अभियंता दशरथ राम गोंड, तकनीशियन समीर साहू, तकनीशियन विजय रावत ,आर्टिजन किरण अनुप धामने के रूप में मैदान में है ।

