भोपाल ।
राजधानी में बहुत जल्द ही बॉयो ब्रिकेट प्लांट स्थापित होगा। इसके बन जाने से रोजाना 10 टन कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निष्पादन हो सकेगा। नगर निगम द्वारा पीपीपी मॉडल पर हार्डिकल्चर वेस्ट के निष्पादन के लिए लिए तैयारी तेज कर दी है। शुक्रवार को निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने प्लांट के मॉडल का अवलोकन करते हुए कहा कि भोपाल शहर की स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण एवं वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में यह प्लांट एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
निगम आयुक्त श्रीमती जैन ने बॉयो ब्रिकेट प्लांट के मॉडल के अवलोकन के बाद पावर पाईंट प्रजेंटेंशन के माध्यम से इसकी कार्य पद्धति के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी हासिल की। आईएसबीटी स्थित निगम कार्यालय में बॉयो ब्रिकेट प्लांट के मॉडल तैयार किया गया है। इसके माध्यम से हरित कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निष्पादन हो सकेगा। इस प्लांट से लगने से निगम को राजस्व भी प्राप्त होगा।

निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने बताया कि इस प्लांट की स्थापना के लिए कार्रवाई की जा रही है। इससे पर्यावरण बेहतर होगा। कचरे के निष्पादन को लेकर लगातार निगम कार्य कर रहा है। शहर को साफ—सुथरा और सुंदर बनाना हमारी पहली प्राथमिता है।
बायो ब्रिकेट के यह होंगे लाभ
यह पर्यावरण को अनुकूल बनाए रखता है। कोयले की तुलना में 80 फीसदी से अधिक CO2 उत्सर्जन को कम करता है और सल्फर रहित होता है। कृषि अपशिष्ट को उपयोगी ईंधन में बदलकर अपशिष्ट को कम करता है। औद्योगिक बॉयलरों में उपयोग किए जाने वाले कोयले के बराबर उच्च कैलोरी मान प्रदान कर सकता है। स्टोरेज और हैंडलिंग में आसान होता है।

