तुर्की के साथ तनातनी के बीच सरकार ने ले लिया यह डिसीजन, इंडिगो एयरलाइंस को मिली 3 महीने की राहत

नई दिल्ली

नागरिक विमानन नियामक DGCA ने इंडिगो और टर्किश एयरलाइंस के बीच एक समझौते को मंजूरी दी है। यह समझौता तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है। इससे इंडिगो, दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल के रूट पर दो बोइंग 777 विमानों का संचालन जारी रख पाएगी। पहले यह समय सीमा 31 मई को खत्म हो रही थी।

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यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत का तुर्किये के साथ भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। इसकी वजह है तुर्किये द्वारा हाल के संघर्षों में पाकिस्तान का समर्थन करना। सरकार ने तुर्की की ग्राउंड हैंडलर कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी भी रद्द कर दी है। इससे दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते दिखते हैं।

इंडिगो ने की थी मांग
इंडिगो एयरलाइन ने छह महीने के विस्तार की मांग की थी। एक नई नीति के अनुसार, एयरलाइंस छह महीने के लिए विमान किराए पर ले सकती हैं। नियामक डीजीसीए इसे छह महीने के लिए और बढ़ा सकता है। इंडिगो ने ये विमान पिछले साल नवंबर में किराए पर लिए थे।

इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है। इसने टर्किश एयरलाइंस के साथ यह समझौता 2023 की शुरुआत में किया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में खराबी के कारण इंडिगो के कई एयरबस A320neo विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे। किराए पर लिए गए बोइंग 777 विमानों में 500 यात्रियों तक को ले जाया जा सकता है। इससे एयरलाइन को अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जारी रखने में मदद मिली है।

इंडिगो ने किया बचाव
इंडिगो ने इस समझौते को बढ़ाने का बचाव किया है। कंपनी का कहना है कि इससे भारतीय यात्रियों के लिए यात्रा के विकल्प बढ़ेंगे। साथ ही, यह एयरलाइन को लंबी दूरी के बाजारों में प्रवेश करने में मदद करेगा। इंडिगो ने अपने खुद के बड़े आकार के विमानों को खरीदने की योजना भी बनाई है। कंपनी ने एयरबस A350-900 विमानों का ऑर्डर दिया है। इनकी डिलीवरी 2027 में शुरू होने की उम्मीद है।

इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने कहा, ‘भारत और तुर्किये के बीच उड़ानें द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौते के तहत आती हैं। हम आज नियमों का पालन कर रहे हैं और भविष्य में भी सरकार के नियमों का पालन करते रहेंगे।’

क्यों मिली मंजूरी?
डीजीसीए की मंजूरी से इंडिगो किराए पर लिए गए विमानों का संचालन कर सकती है। नियमों के अनुसार, ऐसी व्यवस्थाएं आपातकालीन परिस्थितियों में की जा सकती हैं। हालांकि डीजीसीए ने पहले भी लंबे समय तक विमान किराए पर लेने पर चिंता जताई थी। नियामक ने इस बात पर जोर दिया था कि घरेलू एयरलाइंस को अपनी खुद की बड़े आकार के विमानों की क्षमता विकसित करनी चाहिए।

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