सूर्य संक्राति अर्थात सूर्य का अपनी राशि सिंह में प्रवेश 17 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 33 मिनट पर हुआ है तथा सूर्य अपनी अगली राशि कन्या में 17 सितम्बर को प्रवेश करेंगे। यह एक माह का समय भारत के लिए कई मामलों में विशेष रहेगा , जंहा एक और दुनिया की निगाहें भारत के चंद्र यान के सफल लैंडिंग पर लगी है उसी और भारत सितम्बर में जी 20 शिखर मीटिंग्स का उद्घाटन करेगा, तथा बढ़ती हुई महगाई पर सबकी नजर बनी हुई है।
सूर्य संक्रांति चार्ट के अनुसार वृश्चिक लग्न है तथा चतुर्ग्रही योग वृषभ राशि में बन रहा है , सूर्य चंद्र मंगल तथा बुध की युति को गुरु पंचमी दृष्टि से देख रहा है, चंद्र मंगल योग तथा बुध आदित्य योग के साथ ही शनि योगी गृह के साथ ही महापुरुष योग भी बना रहा है, लग्नेश और भ्यागेश का साथ होना भी बहुत शुभ है।
खेती बड़ी का कारक गृह शनि आरू? लग्न में है तथा राहु के अंतिम नक्षत्र सतभिषा में दर्शाता है की खुदरा महगाई दर में कुछ गिरावट जरूर आएगी जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा। चंद्रयान 3 को 14 जुलाई को दिन में 2 बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लांच किया गया था।
स्थिर लग्न वृश्चिक को लग्न स्वामी मंगल तथा रोहिणी नक्षत्र का चंद्र पूर्ण दृष्टि से देख रहे है इस प्रकार चंद्रयान की 23 अगस्त को सफल लैंडिंग होने में कोई बाधा नहीं दिख रही, परन्तु क्योकि गृह बुध अपने मृत्यु भाग में है इसलिए हो सकता है की इसरो और चंद्रयान के कम्युनिकेशन में लैंडिंग के बाद कुछ बाधा आ सकती है। यह सब ज्योतिष के नियमो पर आधारित है पर सफल चंद्रयान 3 मिशन भारत के लिए नए गौरव की बात होगी जिसे सारी दुनिया देख रही है।
जातक पारिजात ग्रन्थ के अनुसार केतु को ध्वज शिखी या झंडे के रूप में भी प्रदर्शित किया गया है, चंद्र के मघा नक्षत्र जो की केतु का दूसरा नक्षत्र है प्रदर्शित करता है की जी 20 शिखर सम्मलेन में भारत अपना पक्ष बहुत मजबूती से रखेगा तथा दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक समूह के आगे भारत अपनी वैश्विक कूटनीति दिखने में सफल होगा।
सुभाष सक्सेना
ज्योतिषाचार्य