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क्या वर्ष 2024 में ममता बनर्जी कर पाएंगी बंगाल में बीजेपी की चुनौती का सामना?

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ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस की स्थापना कुंडली 1 जनवरी 1998 सुबह 11 बजे कलकत्ता की है। मीन लग्न की इस कुंडली में एकादश (लाभ) भाव में गुरु , मंगल, शुक्र और चन्द्रमा का बड़ा धन योग बन रहा है। इस पार्टी की स्थापना के बाद ममता बनर्जी का कद केंद्र की राजनीति में तेज़ी से बढ़ा। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के नेता वाजपेयी और मनमोहन सरकार में मंत्री पदों पर रह चुके हैं। वर्ष 2011 में राहु में गुरु की दशा में तृणमूल कांग्रेस बंगाल की सत्ता में पहली बार आई। तृणमूल कांग्रेस की मीन लग्न की कुंडली में छठे भाव में बैठे राहु की लंबी दशा ने इस पार्टी को संघर्ष, विवाद और हिंसा से भी जूझने पर मजबूर किया। पश्चिम बंगाल के चुनावों में जो राजनीतिक हिंसा वाम दलों के शासन काल में होती थी, वह तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद भी बदस्तूर जारी रही। पश्चिम बंगाल की प्रभाव राशि मिथुन के अष्टम भाव (विनाश) से गोचर करते हुए शनि ने 2018 के पंचायत चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनावों में राजनीतिक हिंसा की घटनाओं से बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता शुरू कर दी है।

लोकसभा चुनावों में अच्छा रहेगा तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन
आगामी लोकसभा चुनावों के समय तृणमूल कांग्रेस की मीन लग्न की कुंडली में राहु की महादशा में चन्द्रमा की विंशोत्तरी दशा चल रही होगी। राहु में चन्द्रमा में बुध की विंशोत्तरी दशा 13 अप्रैल 2024 से 30 जून 2024 तक रहेगी जिसके बीच लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से अधिकतम तृणमूल कांग्रेस पार्टी जीत सकती है। पिछली बार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावो में ‘मोदी लहर’ के चलते पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए लोकसभा की 18 सीट जीत ली थी और तृणमूल कांग्रेस को 22 सीट पर संतोष करना पड़ा था। किन्तु इस बार लाभ भाव में बैठे पंचमेश चन्द्रमा की अंतर दशा में चल रही तृणमूल कांग्रेस पार्टी को लोकसभा चुनावों में प्रदेश में अच्छी सीटें मिल सकती हैं किन्तु चन्द्रमा इस पार्टी की कुंडली में महादशा नाथ राहु से छठे पड़ा हुआ है, अत: तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का इंडिया अलायन्स के अपने साथियों कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों से सीट बटवारे और चुनाव रणनीति को लेकर बहुत विवाद होगा। तृणमूल कांग्रेस पार्टी की स्थापना कुंडली में चन्द्रमा की अंतर दशा है जो की नवांश कुंडली में शनि और मंगल दोनों से पीड़ित हैं, अत: इस पार्टी की महिला नेताओं के लिए कुछ असहज करने वाले राजनीतिक विवाद होंगे तथा इस पार्टी के कार्यकर्ता कुछ राजनीतिक हिंसा और उद्वेग के मामलों में मुकदमेबाज़ी में उलझ सकते हैं।

दिलीप घोष का प्रदर्शन रहेगा संतोषजनक
बंगाल में बीजेपी के सबसे बड़े नेता दिलीप घोष का जन्म 1 अगस्त 1964 को रात्रि 2 बजकर 52 मिनट पर बंगाल के गोपीवल्लभपुर में हुआ था। मिथुन लग्न की इनकी कुंडली में विवाह के सप्तम भाव में केतु बैठे हैं जिनपर लग्न से राहु, शुक्र और मंगल का प्रभाव होने के चलते यह अविवाहित ही रहे। इनकी कुंडली के नवम भाव में बैठे वक्री शनि पर तीसरे घर से लग्नेश बुध की दृष्टि ने इनको बेहद काम आयु में सार्वजानिक कार्यों और संघ के प्रचारक की भूमिका में ला दिया। लग्न में बैठे मिथुन राशि के राहु की महादशा में इनका राजनीतिक रुतबा पश्चिम बंगाल में तेज़ी से बढ़ा और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में इन्होने मिदनापुर सीट से बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को मात दे कर चुनाव जीता। वर्तमान में चल रही राहु में चन्द्रमा की विंशोत्तरी दशा में यह फिर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं और केंद्र के मंत्रिमंडल में भी पद हासिल कर सकते हैं। चन्द्रमा इनकी कुंडली में लाभ के एकादश भाव में गुरु से युत को कर अच्छे गजकेसरी योग में है।

शनि की दशा में बढ़ेगा ममता बनर्जी का राजनीतिक कद
5 जनवरी 1955 को कलकत्ता में जन्मी ममता बनर्जी की जन्म कुंडली धनु लग्न की है जिसमे सूर्य और बुध का अच्छा राजयोग बन रहा है l कुंडली में लाभ के एकादश भाव में बैठे उच्च राशि के शनि महा दशा वर्ष 2009 से चल रही है l मई 2011 में ममता बनर्जी शनि की महा दशा में ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पहली बार बनी थी l वर्तमान में शनि की महादशा में लग्न में बैठे राहु की अन्तर्दशा चल रही है जिसका प्रभाव नवंबर 2025 तक रहेगा l राहु इनकी कुंडली में लग्न में हो कर नवमेश सूर्य और दशमेश बुध के राजयोग के प्रभाव का फल दे रहा है l शनि की राहु पर दृष्टि कुछ स्वस्थ सम्बन्धी परेशानियों पार्टी के सदस्यों के विवादों में फसने का योग है l किन्तु शनि और राहु दोनों शुभ ग्रहों की राशि और शुभ ग्रहों के नवांश में स्थित होने के चलते ममता बनर्जी को लोक सभा चुनावो में पिछली बार की तुलना में कुछ अधिक सफलता देने का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं।

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