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अमेरिका में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है 100 डॉलर का नोट, अब बना मुसीबत की वजह!

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नई दिल्ली,

क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में सबसे ज्यादा कौनसी करंसी का नोट इस्तेमाल होता है? तो इसका जवाब 100 डॉलर. अमेरिका में सबसे ज्यादा 100 डॉलर का नोट इस्तेमाल होता है, लेकिन इसी नोट से हर कोई चिढ़ता भी है. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 100 डॉलर का नोट बहुत आम है. और यही वजह है कि अब लोग इससे चिढ़ने भी लगे हैं.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट बताती है कि 100 डॉलर का नोट इतना आम है कि इसने 1 डॉलर के नोट को भी बौना कर दिया. फेडरल रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक, 2012 से 2022 के बीच 100 डॉलर के नोट का चलन दोगुना से भी ज्यादा बढ़ गया है.आंकड़ों के मुताबिक, 2012 में 100 डॉलर के 8.6 अरब नोट चलन में थे. 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 18.5 अरब से ज्यादा हो गई.

इन सबके बावजूद 100 डॉलर के नोट को खर्च करना उतना ही मुश्किल है. उसकी वजह भी है. और वो ये कि ज्यादातर दुकानदार 100 डॉलर के नोट को लेने से ही मना कर देते हैं. दूसरी वजह नकली नोटों का चलन बढ़ना भी है. ये इतना आम हो गया है कि धड़ल्ले से 100 डॉलर के जाली नोट बाजार में आ रहे हैं. दुकानदार इन नोटों को लेने से पहले कई बार इन्हें चेक भी करते हैं. अब आलम ये है कि अर्थशास्त्रियों ने 100 डॉलर के नोट की प्रिंटिंग को कम करने की अपील की है.

अखबार को 23 साल की सेज हैंडली ने बताया कि 100 डॉलर का नोट रखने पर लोग आप पर और नोट पर सवाल खड़े करने लगते हैं. उन्होंने हाल ही में टिकटॉक पर एक शॉर्ट वीडियो पोस्ट कर बताया था कि 100 डॉलर का नोट खर्च करना कितना मुश्किल है.कोविड महामारी के बाद कैश का चलन थोड़ा कम हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में 60 फीसदी से ज्यादा भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड से होता है. और भुगतान के लिए कैश अब भी तीसरा बड़ा माध्यम है.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री केनेथ रोगॉफ का मानना है कि अब भी 100 डॉलर के आधे से ज्यादा नोट विदेशों में रखे गए हैं. इसके बावजूद हर अमेरिकी के पास 100 डॉलर के औसतन 55 नोट हैं.इतनी बड़ी करंसी के नोट का इतने ज्यादा चलन में आने की अपनी वजह भी है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 1 डॉलर या 5 डॉलर के मुकाबले 100 डॉलर का नोट लंबे समय तक चलन में इसलिए बना रहता है, क्योंकि लोग इसे खर्च करने की बजाय अपने पास रखना ज्यादा पसंद करते हैं. 100 डॉलर के नोट को लोग ‘स्टेटस सिंबल’ भी मानते हैं.

फेड रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक, छोटी खरीदारी के लिए लोग कैश का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. ग्राहकों ने कैश से भुगतान करते वक्त औसतन 39 डॉलर खर्च किए, जबकि क्रेडिट कार्ड से औसतन 95 डॉलर खर्च किए.अर्थशास्त्री ये भी मानते हैं कि 100 डॉलर का नोट लोगों को कम खर्च करने के लिए मजबूर करता है. रिसर्च बताती है कि अगर किसी के पास 20 डॉलर के पांच नोट हैं तो वो ज्यादा खर्च करता है. लेकिन उसी व्यक्ति के पास अगर 100 डॉलर का एक नोट है, तो वो ज्यादा खर्च करने से बचता है.

हालांकि, बीते एक दशक में 100 डॉलर की पर्चेजिंग पावर काफी कम हुई है. आज के 100 डॉलर की वैल्यू एक दशक पहले 76 डॉलर थी. यानी, एक दशक पहले 76 डॉलर में जितना सामान खरीदा जा सकता था, आज उतना ही खरीदने के लिए 100 डॉलर खर्च करना पड़ता है.इन सबके अलावा एटीएम में भी 100 डॉलर के नोट ज्यादा लोड किए जाते हैं. उसकी वजह ये है कि 20 डॉलर के नोट की तुलना में 100 डॉलर का नोट एटीएम में लोड करना पांच गुना कम काम है.

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