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सरकारी अस्पताल में थी ड्यूटी, प्राइवेट क्लीनिक पर मिले डॉक्टर, कलेक्टर टीना डाबी ने लिया ये एक्शन

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बाड़मेर ,

बाड़मेर जिले की कमान संभालते ही IAS टीना डाबी एक्शन में हैं. बुधवार को जिला कलेक्टर ने शहर की सड़कों पर निकलकर सफाई व्यवस्था को लेकर सख्ती दिखाई थी. गुरुवार को वो डॉक्टर्स की खबर लेने निकलीं. उन्होंने जिला अस्पताल के उन डॉक्टर्स के घरों पर रेड मारी, जो ड्यूटी टाइम में अस्पताल में ना रहकर अपने घरों में मरीजों को देख रहे थे.

गुरुवार दोपहर 12 बजे जिला कलेक्टर टीना डाबी अधिकारियों की तीन अलग-अलग टीमें बनाकर सरकारी चिकित्सकों के खिलाफ छापेमार के लिए निकलीं. इस दौरान जिला कलेक्टर ने दो सरकारी डॉक्टर्स को पकड़ा जो ड्यूटी टाइम में प्राइवेट क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे. ऐसा माना जा रहा है कि टीम के आने की भनक लगते ही कई डॉक्टर्स प्राइवेट क्लीनिक छोड़कर से भाग निकले.

प्राइवेट क्लीनिक मरीज देख रहे थे सरकारी डॉक्टर
जिला कलेक्टर टीना डाबी छापेमार कार्रवाई के तहत शहर के नेहरू नगर स्थित एक प्राइवेट क्लिनिक पहुंची. जहां डॉ. रमेश कटारिया अपने क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे. जबकि उनकी ड्यूटी बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज में थी. वहीं दूसरी टीम के साथ एसडीएम और डीएसओ मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में आवास में रहने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ महेंद्र चौधरी के घर पर पहुंची. जहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि डॉ. महेंद्र चौधरी ने अपने आवास को ही क्लीनिक बना रखा था.

इसकी जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर टीना डाबी स्वयं भी मौके पर पहुंची. इसके बाद फोन कर पीएमओ से डॉ. महेंद्र चौधरी के अटेंडेंस की जानकारी ली. डॉ. महेंद्र चौधरी ने कहा कि उनकी ड्यूटी जेल में हैं और मैं वहां से लौटने के बाद यहां आया हूं.

दोनों डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
निरीक्षण के बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी सीधे अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंची. वहां उन्होंने डॉक्टर्स की अटेंडेंस का रजिस्टर जब्त किया. जिला कलेक्टर ने डॉ. रमेश कटारिया और डॉ.महेंद्र चौधरी के खिलाफ जांच के निर्देश दिए हैं. पूरे मामले में पीएमओ डॉ. बीएल मंसूरिया की भूमिका भी संदिग्ध मिली. क्योंकि अटेंडेंस रजिस्टर के कई कॉलम खाली थे. इससे उपस्थिति और अनुपस्थिति के बारे में पता लगाना बेहद मुश्किल था.

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कहा कि कई शिकायतों के बाद तीन टीमें बनाकर डॉक्टर्स की पड़ताल करने निकले थे, दो डॉक्टर्स पकड़ में आए. जो ड्यूटी के दौरान प्राइवेट क्लीनिक चला रहे थे. पीएमओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा डॉक्टर्स की अटेंडेंस के रजिस्टर में भी कई कॉलम खाली थे. जिसमें कई डॉक्टर्स की उपस्थिति तक दर्ज नहीं थी.

सरकारी अस्पताल का रजिस्टर जब्त किया
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा थी. शिकायत मिल रही थी कि डॉक्टर्स ड्यूटी टाइम में अपने क्लीनिक चला रहे हैं. जिसके बाद एक टीम बनाकर छापेमारी की गई. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

 

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