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Friday, July 4, 2025
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वो केजरीवाल की हत्या करना चाहते हैं… दिल्ली सीएम के शुगर लेवल को लेकर AAP और एलजी के बीच बढ़ी कड़वाहट

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नई दिल्ली

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के शुगर लेवल को लेकर आम आदमी पार्टी और एलजी के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है। आप ने केजरीवाल के खिलाफ हत्या की साजिश का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि उन्हें जेल में इंसुलिन ना देना बेहद क्रूर, अमानवीय और हत्या का प्रयास करने जैसा है। पार्टी ने पूछा कि अगर ऐसा नहीं है, तो फिर एक गंभीर मधुमेह रोगी, जिनकी शुगर कई दिनों से 300 मिग्रा/डेसीलीटर से ऊपर रही, उन्हें इंसुलिन क्यों नहीं दिया जा रहा? आप के आरोपों पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने एलजी वीके सक्सेना को सीएम की हेल्थ रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में लिखा है कि सीएम केजरीवाल जेल आने से पहले ही इंसुलिन लेना छोड़ चुके थे। उनकी हेल्थ को देखते हुए उन्हें इंसुलिन की जरूरत नहीं है।

‘क्या बीजेपी और एलजी यही चाहते हैं?’
आम आदमी पार्टी ने कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि ये आंकड़े केजरीवाल की लगातार ग्लूकोज जांच करने वाली मशीन से मिले हैं। उनका कहना है कि 12 अप्रैल से कई दिनों में केजरीवाल का ब्लड शुगर लेवल 300 से ऊपर चला गया था। वो बताते हैं कि केजरीवाल पिछले 12 सालों से इंसुलिन लेने वाले गंभीर मधुमेह रोगी हैं और कोई भी डॉक्टर ऐसे मरीज को इंसुलिन देने से मना नहीं करेगा। पार्टी ने पूछा कि इतनी लगातार ज्यादा शुगर का लेवल रहने से कई सारे अंग खराब हो सकते हैं। इससे शरीर के नसों, लीवर, किडनी, दिल, आंखों और बाकी अंगों को नुकसान हो सकता है। क्या बीजेपी और एलजी यही चाहते हैं?

कोर्ट में दायर अर्जी से बताते हुए पार्टी ने कहा कि केजरीवाल को हर दिन खाने से पहले 28 यूनिट नोवोरापिड और रात को 22 यूनिट लैंटूस की दवा दी जाती थी। पार्टी ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की निगरानी में 1 फरवरी से इंसुलिन कम करने का कार्यक्रम शुरू किया था और उन्होंने गोली लेनी शुरु कर दी थी। पार्टी का दावा है कि केजरीवाल 21 मार्च तक इसी इलाज को फॉलो कर रहे थे।

केजरीवाल के शुगर लेवल की रोजाना जांच नहीं हो रही थी
पार्टी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को जेल में एक डॉक्टर ने देखा था, जो मधुमेह विशेषज्ञ नहीं है और उनके शुगर लेवल की नियमित जांच नहीं हो रही थी। तिहाड़ प्रशासन की रिपोर्ट पर उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर साझा किए गए प्रेस नोट की भाषा को ‘अपमानजनक’ बताते हुए आप ने कहा कि एक सड़क स्तर का भाजपा ठग भी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा। इससे पहले दिन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पूछा कि क्या अधिकारी केजरीवाल के हाई शुगर लेवल के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए तैयार हैं।

भाजपा और ईडी को क्या नुकसान होगा?
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में मुफ्त इलाज, जांच और दवाएं मुहैया कराई और 500 से अधिक मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किए, उन्हें जेल में दवा नहीं दी जा रही है। मंत्री ने कहा कि केजरीवाल ने अधिकारियों को बताया था कि वह प्रदान किए जा रहे उपचार से संतुष्ट नहीं हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने परिवार के डॉक्टर से परामर्श करना चाहते हैं जो कई वर्षों से उनका इलाज कर रहे थे। भारद्वाज ने पूछा कि अगर अरविंद केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने डॉक्टर से बात करते हैं, उनसे सलाह लेते हैं और उसके अनुसार दवा लेते हैं तो भाजपा, उपराज्यपाल, ईडी और सीबीआई को क्या नुकसान होगा?

संजय सिंह ने लगाए संगीन आरोप
एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि केजरीवाल को जेल में ग्लूकोज, केला, टॉफी और अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मधुमेह एक घातक बीमारी है। यह एक जानलेवा स्थिति है और किसी की जान भी ले सकती है। अपने मरीज को इंसुलिन नहीं देना एक आपराधिक कृत्य है। एम्स की ओर से केजरीवाल के लिए कथित तौर पर तैयार किए गए आहार चार्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए सिंह ने दावा किया कि दुनिया का कोई भी डॉक्टर मरीज को देखे बिना इसे तैयार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है, खासकर एम्स जैसे प्रतिष्ठित अस्पताल में। अरविंद केजरीवाल के मेडिकल हिस्ट्री की जांच नहीं की गई, उनके वजन की जांच नहीं की गई और उनकी बीमारी की जांच नहीं की गई। सिंह ने दावा किया कि यह जांच नहीं की गई कि उन्हें किन चीजों से एलर्जी थी।

आम आदमी पार्टी के तिमारपुर के विधायक दिलीप पांडे ने भी एक अलग संवाददाता सम्मेलन में इसी तरह के आरोप लगाए। दक्षिण दिल्ली में एक राजनीतिक कार्यक्रम में आप के दिल्ली राज्य संयोजक गोपाल राय ने दावा किया कि ‘मनगढ़ंत मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल में उनके साथ’ आतंकवादी” जैसा व्यवहार किए जाने से लोग नाराज हैं। राय ने कहा, ‘वे एक निर्वाचित मुख्यमंत्री के जीवन के साथ खेल रहे हैं।

आप कार्यकर्ताओं आतिशी और संदीप पाठक ने एक्स पर केजरीवाल की निजी मशीन पर दर्ज शर्करा के स्तर की रीडिंग पोस्ट की। अतिशी ने एक्स पर कहा कि यदि इतने हाई शुगर लेवल पर इंसुलिन नहीं दी जाती है तो व्यक्ति धीरे-धीरे मल्टीऑर्गन फेल्योर का शिकार हो सकता है। किस तरह की क्रूर सरकार मधुमेह के रोगियों को इंसुलिन देने से इनकार कर रही है? पाठक ने एक्स पर पोस्ट किया कि क्या ईडी तय करेगी कि मरीज को कब और कौन सी दवा लेनी चाहिए? क्या एक मरीज को अपनी दवा लेने का भी अधिकार नहीं है?

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