Pre-diabetes warning signs: डायबिटीज एक गंभीर लेकिन नियंत्रणीय बीमारी है, जो आजकल हर दूसरे व्यक्ति में देखने को मिलती है. यदि इसे समय रहते पहचान लिया जाए, तो इससे बचा जा सकता है. प्री-डायबिटीज (Pre-diabetes) उसी रास्ते पर पहला कदम है, जहाँ शरीर में ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन डायबिटीज के स्तर तक नहीं पहुँचता. यदि सही समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का रूप ले सकता है, तो आइए जानते हैं प्री-डायबिटीज के कुछ लक्षणों के बारे में ताकि आप पहले से सतर्क हो सकें.
क्या है प्री-डायबिटीज?
प्री-डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जब रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से थोड़ा अधिक होता है, लेकिन डायबिटीज की सीमा में नहीं आता. यह एक संकेत है कि शरीर में इंसुलिन सही से काम नहीं कर रहा है और ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
प्री-डायबिटीज के शुरुआती लक्षण: पहचानना है ज़रूरी
प्री-डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है ताकि आप समय रहते इसे नियंत्रित कर सकें:
- अधिक प्यास लगना: अगर आपको सामान्य से ज़्यादा प्यास लग रही है और इसके साथ ही आपको बार-बार वॉशरूम जाना पड़ रहा है, तो यह पहला संकेत हो सकता है. जब शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने लगता है, तो किडनी उसे बाहर निकालने की कोशिश करती है, जिससे बार-बार प्यास लगती है और पेशाब आता है.
- धुंधला दिखना: ब्लड शुगर में असंतुलन आँखों की नसों को प्रभावित करता है, जिससे धुंधला दिखाई दे सकता है. यह आँखों पर पड़ने वाले दबाव का संकेत हो सकता है.
- हाथों और पैरों में सुन्नपन या झुनझुनी: जब रक्त संचार प्रभावित होता है, तो हाथों और पैरों में सुन्नपन, झुनझुनी या चुभन महसूस हो सकती है. इसके साथ ही, पैरों में दर्द भी हो सकता है.
- घावों या चोटों का धीरे ठीक होना: बढ़ा हुआ ब्लड शुगर शरीर की हीलिंग क्षमता को कमज़ोर कर देता है, जिसकी वजह से छोटी-मोटी चोटें या घाव भी जल्दी ठीक नहीं होते.
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बचाव और नियंत्रण: स्वस्थ जीवनशैली की ओर एक कदम
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और ब्लड शुगर की जाँच करवाएँ. प्री-डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव सबसे प्रभावी तरीका है:
- संतुलित आहार: हरी सब्ज़ियाँ, ताज़े फल, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें. चीनी और प्रोसेस्ड फूड से बचें.
- नियमित व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट का मध्यम व्यायाम करें, जैसे तेज़ चलना, जॉगिंग या योग.
- वज़न नियंत्रण: यदि आपका वज़न अधिक है, तो उसे कम करने का प्रयास करें. वज़न कम करना ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में बहुत मददगार होता है.
- पर्याप्त नींद: हर रात 7-8 घंटे की पूरी नींद लें.
- तनाव प्रबंधन: तनाव भी ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है, इसलिए तनाव कम करने के लिए ध्यान या अन्य तरीके अपनाएँ.
समय रहते इन लक्षणों को पहचानकर और सही जीवनशैली अपनाकर आप प्री-डायबिटीज से बच सकते हैं और टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को टाल सकते हैं.