रानिल विक्रमसिंघे होंगे श्रीलंका के राष्ट्रपति, संसद में 134 वोट हासिल कर जीता चुनाव

नई दिल्ली

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे बन गए हैं. उन्हें सांसदों ने अपना नया राष्ट्रपति चुना है. विक्रमसिंघे अभी श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाल रहे हैं. नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए श्रीलंकाई संसद में आज सभी सांसद उपस्थित रहे. आज संसद में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भी मौजूद थे. राष्ट्रपति चुनाव से पहले श्रीलंकाई संसद के बाहर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई थी.

सभी पार्टियों ने अपने सांसदों को फरमान जारी किया किया था कि अपने वोट की तस्वीरें क्लिक करें. जिसके बाद संसद में फोन नहीं लाने के आदेश जारी कर दिए. स्पीकर का कहना है कि चुनाव के दौरान आज किसी भी सांसद को मोबाइल फोन सदन में लाने की इजाजत नहीं होगी. कल, पार्टी के कुछ नेताओं ने कथित तौर पर अपने सांसदों से गुप्त मतदान में क्रॉस-वोटिंग की जांच के लिए अपने मतपत्रों की तस्वीरें लेने के लिए कहा था.

TNA ने किया था अल्हाप्परुमा को समर्थन
TNA के जाफना जिले के सांसद सुमनथिरन ने कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव में TNA दुल्लास अल्हाप्परुमा के लिए मतदान करेगी. वहीं सीडब्ल्यूसी सांसद जीवन थोंडामन ने कहा है कि सीलोन वर्कर्स कांग्रेस ने बहुत विचार-विमर्श के बाद आज चुनाव में रानिल विक्रमसिंघे का समर्थन करने का फैसला किया है. वहीं श्रीलंकाई सांसद अनुरा कुमारा डिसनायके ने अंतरिम सरकार बनाने और राष्ट्रपति चुने जाने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए कहा है.

विक्रमसिंघे के खिलाफ प्रदर्शन
एक ओर जहां राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद में वोटिंग हो रही थी, वहीं दूसरी ओर कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ जनता का मौन विरोध प्रदर्शन चल रहा है.

44 साल में पहली बार सीधा चुनाव
श्रीलंका की संसद में 44 साल में पहली बार आज सीधे राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा दुल्लास अलहप्परुमा और अनुरा कुमारा दिसानायके मैदान में थे. 225 सदस्यीय सदन में जादुई आंकड़ा छूने के लिए 113 का समर्थन चाहिए था. रानिल विक्रमसिंघे को इसके लिए 16 वोटों की और जरूरत थी. विक्रमसिंघे को तमिल पार्टी के 12 वोटों में से कम से कम 9 पर भरोसा था. हालांकि विक्रमसिंघे को 134 वोट मिले हैं

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