इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12 दिनों से चल रहा इजराइल और ईरान के बीच का युद्ध अब थम गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मामले में अपनी बात रखने के लिए सक्रिय हो गए हैं. इससे पहले, ट्रंप ने इजराइल के अनुरोध पर ईरान के 3 ठिकानों पर हमला किया था.
अब एक बार फिर राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी है कि अगर उसने दोबारा परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो यह बिल्कुल भी सही नहीं होगा. इसके अलावा, अमेरिका ने आने वाले समय में युद्ध को लेकर एक नई योजना भी बनाई है. आइए जानते हैं युद्ध को लेकर ट्रंप की क्या है पूरी योजना और क्या है उनकी चेतावनी का मतलब.
युद्धविराम का ऐलान और ट्रंप की भूमिका
ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों से जारी तनाव के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की है. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है. उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक समझौता बताया है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह युद्धविराम ईरान के अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमले के बाद आया, जिसके बाद ट्रंप ने कूटनीति को प्राथमिकता दी.
ईरान को ट्रंप की सीधी चेतावनी परमाणु हथियार नहीं
युद्धविराम के ऐलान के बाद, ट्रंप ने ईरान को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि वह परमाणु हथियार बनाने की कोशिश न करे. उन्होंने कहा है कि अमेरिकी हमलों ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम को “दशकों पीछे धकेल दिया है” और अगर ईरान दोबारा इस राह पर बढ़ता है, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता चाहता है, लेकिन परमाणु प्रसार को बर्दाश्त नहीं करेगा.
युद्ध की नई योजना: शांति या स्थायी समाधान
ट्रंप के बयानों से यह भी स्पष्ट होता है कि अमेरिका का लक्ष्य सिर्फ़ युद्ध को रोकना नहीं, बल्कि क्षेत्र में स्थायी शांति की नींव रखना भी है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि तेहरान और यरुशलम अब एक-दूसरे पर कभी हमला नहीं करेंगे. इस संदर्भ में, अमेरिकी विदेश मंत्री जेडी वेंस ने भी युद्धविराम की पुष्टि की है और कहा है कि यह “असीमित” हो सकता है, यानी हमेशा के लिए जारी रहेगा. हालांकि, ईरान ने युद्धविराम के बाद अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने का ऐलान किया है, जिससे भविष्य में तनाव बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है.
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इजराइल और अमेरिका के दावे, ईरान का रुख
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइल ने 12 दिनों के सैन्य अभियान में अपने सभी युद्ध लक्ष्य हासिल कर लिए हैं, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम को गंभीर क्षति पहुँचाना भी शामिल है. अमेरिकी अधिकारियों का भी दावा है कि ईरान के परमाणु स्थलों को “कम नुकसान” पहुँचाने वाली रिपोर्टें केवल राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने की कोशिश हैं. हालांकि, ईरान ने अमेरिकी हमले से पहले 400 किलो यूरेनियम को सुरक्षित स्थानों पर छिपाने का दावा किया है और युद्धविराम के बाद अपने परमाणु कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की बात कही है. इससे आने वाले समय में फिर से तनाव बढ़ने की संभावना है.
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी उपलब्ध मीडिया रिपोर्ट्स और सार्वजनिक बयानों पर आधारित है. मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक स्थिति तेज़ी से बदल सकती है, और भविष्य की घटनाएँ इन प्रारंभिक बयानों से भिन्न हो सकती हैं. पाठक को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम और सत्यापित जानकारी के लिए विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर भरोसा करें.