Trump Tariffs:एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह भारत पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी भी दे रहे हैं. रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने अब भारत और चीन पर आर्थिक दबाव बढ़ाने का नया कदम उठाया है. यूरोपीय संघ के बाद, राष्ट्रपति ट्रम्प ने G-7 देशों से भारत और चीन पर 100% टैरिफ लगाने की अपील की है.
ट्रम्प G-7 देशों के साथ करेंगे बैठक
राष्ट्रपति ट्रम्प चाहते हैं कि G-7 देश भारत और चीन, जो रूस से तेल खरीदते हैं, उन पर 50 से 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगाकर आर्थिक दबाव डालें. इसके लिए, वह G-7 देशों के वित्त मंत्रियों के साथ एक वीडियो कॉल के माध्यम से बैठक करेंगे. G-7 के अध्यक्ष कनाडा ने राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा टैरिफ लगाने और बैठक के लिए की गई अपील की पुष्टि की है. कनाडा का कहना है कि यह रूस की युद्ध छेड़ने की क्षमता पर दबाव बढ़ाएगा. बैठक में इसके लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जा सकता है.
रूस पर दबाव बनाने की कोशिश
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को खत्म करना चाहते हैं. इसके लिए, वे रूस पर आर्थिक दबाव डाल रहे हैं. इसी कारण वे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर टैरिफ लगाकर आर्थिक दबाव बढ़ा रहे हैं, ताकि रूस पर दबाव बने और उसे यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए पैसा न मिले. यही वजह है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत पर 25 प्रतिशत पेनल्टी टैरिफ लगाया है, जिससे भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है. अब ट्रम्प चाहते हैं कि अन्य देश भी भारत पर टैरिफ लगाएं.
यूरोपीय संघ की क्या थी प्रतिक्रिया?
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने यूरोपीय संघ से भी चीन और भारत पर 100% टैरिफ लगाने की अपील की थी. हालांकि, यूरोपीय संघ (EU) राष्ट्रपति ट्रम्प के इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है, क्योंकि संघ को भारत और चीन पर टैरिफ लगाने के बाद आर्थिक जोखिम और जवाबी कार्रवाई का डर है. इसलिए, संघ दोनों व्यापारिक साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने के बजाय, साल 2027 तक रूस पर अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए सख्त प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है.