भोपाल
भेल का उत्पादन पूरा होने पर कर्मचारियों को कंपनी द्वारा मई-जून माह तक पीपी बोनस दिया जाता है जो कि पिछले 2 वर्ष से घाटा व कोविड महामारी की समस्या बताकर नहीं दिया गया है। इसी प्रकार कर्मचारियों का प्रोत्साहन राशि भी कोविड महामारी की आड़ में अप्रैल 2020 से बंद कर दिया गया है। नव वर्ष उपहार भी जनवरी 2022 से लंबित है। इन्ही मुद्दों को लेकर आज भेक्टू-सीटू यूनियन ने भेल के मानव संसाधन विभाग प्रेरणा भवन का घेराव कर मौन विरोध प्रदर्शन किया।
यूनियन के अध्यक्ष लोकेंद्र शेखावत ने बताया कि प्रबंधन पिछले 3-4 वर्षों से कर्मचारियों के अधिकारों का हनन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जहां भेल स्कूलों की फीस में कई गुना की बढ़ोतरी कर दी गई है वहीं कैंटीन में खाने की सब्सिडी को भी खत्म कर दिया है। कर्मचारियों को मई-जून माह तक पीपी बोनस मिल जाता था । आज जुलाई-अगस्त तक भी बोनस के जेसीएम की कोई चर्चा नहीं हो रही है।
यूनियन मीडिया प्रवक्ता अतुल मालवीय के अनुसार मेहनतकश कर्मचारियों के इंसेंटिव को घाटे के नाम पर बंद किया गया था जो कि कर्मचारियों के साथ एक तरह का अन्यायपूर्ण रवैया था। आज कम्पनी के प्रॉफिट में आने के बाद भी प्रबंधन ने प्रोत्साहन राशि पर लगी रोक को अभी तक नहीं हटाया है। कर्मचारियों के पीपी बोनस, इनसेंटिव, टी-3, नव वर्ष उपहार को लेकर आज प्रेरणा भवन पर सैकड़ों कर्मचारियों के साथ भेक्टू-सीटू यूनियन ने मौन विरोध प्रदर्शन किया। जब तक कर्मचारियों के अधिकारों की बहाली नहीं हो जाती है तब तक भेक्टू-सीटू यूनियन चरणबद्ध आंदोलन करती रहेगी।
आज के विरोध प्रदर्शन में यूनियन के अध्यक्ष लोकेंद्र शेखावत, कोषाध्यक्ष शाहिद अली, प्रमोद पटेल, सादिक खान, निशांत नंदा, विजेंद्र पाटिल, ओममणि पटेल, राजू आर्मो, कुलदीप मौर्या, गोपाल गुप्ता, चेतन साहू, डी एस मरावी, राजेश रजक, विनय सिंह समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित रहे।