तिरुवनंतपुरम ,
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें छात्र-छात्राएं बस स्टॉप की बेंच पर एक दूसरे की गोद में बैठकर फोटो खिंचवाते नजर आ रहे हैं. ये स्टूडेंट्स केरल स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम (CET) के हैं. छात्र-छात्राओं ने क्यों एक दूसरे की गोद में बैठकर फोटो खिंचवाईं और फिर उन्हें सोशल मीडिया पर शेयर किया? आइए जानते हैं…
बताया जा रहा है कि कुछ स्थानीय लोगों को कॉलेज के पास स्थित बस स्टॉप की बेंच पर लड़के-लड़कियों का एक साथ बैठना पसंद नहीं आ रहा था. इसलिए उन्होंने बेंच को तीन अलग-अलग सीटों में काट दिया, ताकि कॉलेज के लड़के और लड़कियां वहां आकर एक साथ न बैठ सकें. इस ‘मोरल पुलिसिंग’ के जवाब में कॉलेज के कुछ छात्र-छात्राओं ने बस स्टॉप की बेंच पर एक दूसरे की गोद में बैठकर फोटो खिंचाई और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं: मेयर
स्टूडेंट्स के सोशल मीडिया पर तस्वीरें डाले जाने के बाद तिरुवनंतपुरम के मेयर ने इलाके का दौरा किया और बस स्टॉप पर बैठने के लैंगिक रूप से न्यूट्रल सिस्टम करने का वादा किया. महापौर ने कहा- जिस तरह बेंच को काटकर तीन सीटों में बांट दिया गया, वह केरल जैसे प्रगतिशील समाज के लिए ‘अनुपयुक्त’ और ‘अशोभनीय’ है.
उन्होंने कहा कि केरल में लड़के-लड़कियों के साथ बैठने पर कोई रोक नहीं है. जो लोग अब भी रोक को सही मानते हैं, वे पुराने जमाने में जी रहे हैं. वे अब भी नहीं समझते हैं कि समय बदल गया है. वहीं, विरोध करने वाले छात्रों में से एक नंदना पी एम ने कहा- हमारी फोटो स्थानीय लोगों के खिलाफ नहीं थी, लेकिन स्टूडेंट्स को लैंगिक बाधा के बिना देखने के लिए उन्हें शिक्षित करने की जरूरत है.
छात्र ने कहा कि हम जिन परिस्थितियों में पले-बढ़े हैं और जिन परिस्थितियों में वे पले-बढ़े हैं, वे अलग-अलग हैं. हमें नहीं लगता कि एक रात में समाज बदल जाएगा, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव आएगा. पोस्ट के वायरल होने के बाद हमें लोगों का भारी समर्थन मिला. कुछ निगेटिव कमेंट्स भी मिले.
छात्रों ने कहा कि वे कई वर्षों से समस्याओं का सामना कर रहे हैं कि उन्हें एक साथ बैठने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा अभद्र टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है. उधर, कॉलेज के संघ महासचिव अश्विन एम के अनुसार, बस स्टॉप अनधिकृत है और नौ साल पहले लोकल लोगों के एक एसोसिएशन द्वारा बनाया गया था.