13.6 C
London
Friday, July 4, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयचीन और यूएई को तवज्जो लेकिन भारतीय रुपये पर हिचकिचाया रूस!

चीन और यूएई को तवज्जो लेकिन भारतीय रुपये पर हिचकिचाया रूस!

Published on

नई दिल्ली,

यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी देशों के रूस पर लगे प्रतिबंधों के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. अब रूस ने तेल निर्यात के लिए अमेरिकी डॉलर में भुगतान को खत्म करने का फैसला किया है. एनर्जी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस डॉलर के बजाय चीन की मुद्रा युआन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की मुद्रा दिरहम में तेल बेचेगा. हालांकि, रूस-भारत के बीच व्यापार में भारतीय रुपये के इस्तेमाल पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है.

तेल इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रूस ने तेल निर्यातकों से अमेरिकी डॉलर के बजाए युआन और दिरहम में तेल बेचना शुरू करने के लिए कहा है. इसकी शुरुआत अगले महीने से की जा सकती है.सूत्रों का कहना है कि रूस पर लगे प्रतिबंधों के प्रभावों को कम करने के लिए इसे तत्काल शुरू करने की जरूरत है. इसी के मद्देनजर रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तीन की अध्यक्षता में एनर्जी इंडस्ट्री के साथ सरकार की 26 जुलाई की बैठक में इस पर चर्चा की गई.

रूस को आयात के लिए डॉलर की अधिक जरूरत नहीं है. इससे रूस को नई मुद्राओं में कारोबार करने में मदद मिलेगी.इस संबंध में रूस सरकार एक नई बजट नीति पर भी काम कर रही है, जिसमें कारोबार के लिए मित्र राष्ट्रों की मुद्राओं का इस्तेमाल किया जाएगा.

बदलते पैटर्न
रूस को करेंसी स्वैपिंग का थोड़ा बहुत अनुभव है. 2019 में रूस ने ईस्ट साइबेरिया पैसिफिक ओशन पाइपलाइन के जरिए चीन की तेल कंपनी चाइना नेशनल पेट्रोलियम कॉर्प (सीएनपीसी) को यूरो में तेल बेचा था. सीएनपीसी को किए गए तेल निर्यात का भुगतान इस साल युआन में किया जाएगा. रॉयटर्स ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जुलाई महीने में भारत की तेल कंपनियों को तेल निर्यात करने वाली रूस की सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट की ट्रेडिंग कंपनियों ने अमेरिकी डॉलर के बराबर दिरहम की मांग की थी.

रूस के इस प्रस्ताव पर भारत ने नहीं दी सहमति
सूत्रों का कहना है कि रूस तेल कारोबार के लिए भारतीय रुपये का भी इस्तेमाल करना चाहता है लेकिन सरकारी अधिकारियों का फैसला है कि देश को बाहरी कारोबार के लिए इतनी बड़ी संख्या में भारतीय रुपये की जरूरत नहीं है.रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की इच्छा है कि भारत तेल कारोबार में चीनी मुद्रा युआन का इस्तेमाल करे लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है.

सूत्रों का कहना है कि रूस के तेल के पश्चिमी खरीदारों का कहना है कि वे पहले की तरह भुगतान करते रहेंगे. बता दें कि पश्चिमी खरीदार अधिकतर यूरो में कारोबार करते हैं.पश्चिमी खरीदारों का मानना है कि वे युआन में कारोबार नहीं कर पाएंगे. तकनीकी रूप से यह संभव है लेकिन कोई भी विनिमय दरों की सरदर्दी नहीं लेना चाहता.

रूस का केंद्रीय बैंक अमेरिकी डॉलर और यूरो के एक्सचेंज रेट को प्रभावित करने के लिए मैत्री देशों की मुद्राओं को खरीदना शुरू करेगा. इस तरह की नीति से रूस के बाजार में युआन की मांग ऐतिहासिक स्तरों तक बढ़ जाएगी.

Latest articles

बीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा

भेल भोपालबीएचईएल के जीएम श्रीनिवास राव का तबादला एचबीजी नोएडा,भेल भोपाल यूनिट के महाप्रबंधक...

बीएचईएल के ब्रेड बटर यानि ट्रेक्शन मोटर भगवान भरोसे

केसी दुबे, भोपालबीएचईएल के ब्रेड बटर यानि ट्रेक्शन मोटर भगवान भरोसे,भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड...

आरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी कर बचाई 5 वर्षीय बच्चे की जान, खाने की नली...

जयपुरआरयूएचएस अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं का लगातार हो रहा विस्तार— आपातकालीन इकाई में सर्जरी...

भेल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर इंटक ने निकाला पैदल मार्च

भेल भोपालभेल कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर हेम्टू इंटक ने भेल कर्मचारियों के साथ...

More like this

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना वजह

Trump Terminates Trade With Canada: सभी व्यापारिक संबंध तुरंत ख़त्म डिजिटल सर्विस टैक्स बना...

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा

इज़राइल-ईरान युद्ध ख़त्म ट्रंप की चेतावनी परमाणु हथियार बनाए तो अंजाम होगा बुरा,पिछले 12...