15.4 C
London
Saturday, November 1, 2025
Homeराज्यUP: मिड-डे मील में बड़ा घोटाला, फर्जी सोसाइटी बनाकर प्राइमरी टीचर ने...

UP: मिड-डे मील में बड़ा घोटाला, फर्जी सोसाइटी बनाकर प्राइमरी टीचर ने निकाले 11 करोड़ रुपये

Published on

आगरा

प्राइमरी विद्यालय के एक शिक्षक ने सरकार की मिड-डे मील योजना में तगड़ा घोटाला किया है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सोसाइटी रजिस्टर्ड करवाकर मिड डे मील का टेंडर हासिल कर लिया और फिर कागजों में वितरण करवाकर 11.46 करोड़ का भुगतान करा लिया। इस खेल में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा। यही वजह रही कि बिना भौतिक सत्यापन के उसे अप्रूवल मिलता रहा और वह सालों तक घोटाला करता रहा। यूपी सर्तकता अधिष्ठान अनुभाग-आगरा (विजीलेंस) ने आरोपी शिक्षक और कई बैंकों समेत सरकारी महकमों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

आवास-विकास कॉलोनी सिकंदरा का रहने वाला चंद्रकांत शर्मा कहने को तो एक प्राइमरी विद्यालय का शिक्षक है, लेकिन उनका रसूख एक बड़े उद्यमी से कम नहीं है। चंद्रकांत शर्मा ने मिड-डे मील योजना में घोटाला कर करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति बना ली है। आगरा शहर में आरोपी शिक्षक के कई बीयर बार, मैरिज होम, बैंक्वट हॉल, टैंट आदि के कारोबार हैं। कई वर्षों से चल रही जांच में दोषी पाए जाने के बाद आखिरकार आरोपी शिक्षक जांच के फंदे में फंसा है। 2018 से विजीलेंस इस मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद चौंका देने वाले खुलासे सामले आए हैं।

फर्जी दस्तावेजों से बनाई थी सोसाइटी
चंद्रकांत शर्मा पुत्र गंगा प्रसाद शर्मा फिरोजाबाद जिले के टुंडला, जाजपुर के प्राइमरी विद्यालय में प्रधानाध्यापक है। साल 2007 में चंद्रकांत ने सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति संस्था शिकोहाबाद, फिरोजाबाद के नाम से आगरा के चिटफंड कार्यालय से पंजीकरण करवाया था। संस्था फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत हुई। जिसमें अपने पिता को अध्यक्ष और पत्नी एवं नाते रिश्तेदारों को सदस्य बना दिया। आरोपी शिक्षक ने शिक्षाधिकारियों से साठगांठ करके 2008 में एमडीएम (मिड डे मील) का टेंडर हासिल कर लिया।

2008 से 2014 तक निकाले 11.46 करोड़
आरोपी शिक्षक चंद्रकांत ने 2008 में एमडीएम का काम ले लिया। इसके बाद उसने कागजों पर मिड डे मील बंटवाकर सरकारी खजाना लूटना शुरू कर दिया। विजीलेंस जांच के अनुसार 2014 तक 11,46,58,500 का भुगतान पंजाब नेशनल बैंक शिकोहाबाद में किया गया। इस बंैक से आरोपी शिक्षक ने अपनी सोसाइटी का फर्जी कोषाध्यक्ष बनकर अपने दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर करवा ली। इस खेल में बैंक अधिकारी और फिरोजाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे।

विजिलेंस ने बैंक और सरकारी विभागों पर भी किया केस
विजिलेंस जांच अधिकारी अमर सिंह के मुताबिक आरोपी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने अपनी संस्था के अध्यक्ष अपने पिता को मृत घोषित कर दिया जबकि उसके पिता जीवित हैं। घोटाले की रकम को आरोपी ने आगरा, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद आदि स्थानों पर संपत्ति खरीदी हैं। इसके अलावा आगरा में बनाई गईं इमारतों को बिना मानचित्र स्वीकृत कराए ही संचालित किया जा रहा है। फर्जी दस्तावेजों पर विद्युत विभाग ने कनेक्शन भी आवंटित कर दिया है। विजीलेंस ने इस प्रकरण में छह बैंकों समेत सात सरकारी विभागों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

शिक्षक ने की थी शिकायत
चंद्रकांत शर्मा के घोटाले की शिकायत देवेश सागर नामक शिक्षक ने की थी। शिक्षक की शिकायत पर फिरोजाबाद के डीएम ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन आरोपी शिक्षक चंद्रकांत शर्मा ने शिक्षा विभाग में अपनी पैठ होने के चलते शिकायतकर्ता शिक्षक देवेश सागर को ही निलंबित करवा दिया था, हालांकि बाद में शिक्षक हाईकोर्ट तक लड़ा और अपनी नौकरी पर फिर से बहाली ले ली।

Latest articles

More like this

जयपुर में बस हाइटेंशन लाइन से टकराई — आग, 3 की मौत, कई घायल

जयपुर ।जयपुर के मनोहरपुर इलाके के पास मंगलवार रात एक मजदूर बस हाईटेंशन लाइन...

महिला क्रिकेटरों के साथ छेड़खानी की घटना में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बयान की निंदा : जीतू पटवारी

भोपाल ।मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विदेशी महिला क्रिकेटरों के साथ...

ईसागढ़ अशोकनगर : बस में लगी आग

ईसागढ़/अशोकनगर। शनिवार को अशोकनगर जिले के ईसागढ़ क्षेत्र में एक यात्री बस में अचानक...