13.7 C
London
Tuesday, September 16, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयनैंसी पेलोसी का चीन से पंगा पुराना... पहले 1991, फिर 2008 और...

नैंसी पेलोसी का चीन से पंगा पुराना… पहले 1991, फिर 2008 और अब ताइवान पहुंचने पर चिढ़ा चीन!

Published on

वॉशिंगटन,

अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे की दुनियाभर में चर्चा है. पेलोसी के इस दौरे से चीन आगबबूला हो गया है. यहां तक कि इस दौरे के बीच चीन के 21 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस जोन में घुस गए. चीन की तमाम धमकियों के बावजूद नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंचीं. इतना ही नहीं उन्होंने ताइवान की धरती से चीन को साफ संदेश दे दिया कि ताइवान में लोकतंत्र की रक्षा के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, दुनिया में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच संघर्ष चल रहा है. अमेरिका ताइवान से किए वादों पर पीछे नहीं हटेगा. नैंसी पेलोसी द्वारा ताइवान को समर्थन चीन के लिए ‘घाव पर नमक छिड़कने’ जैसा है. लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब नैंसी पेलोसी ने चीन की दुखती रग पर हाथ रखा हो, वे इससे पहले 1991 और 2008 में भी चीन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं.

कौन हैं नैंसी पेलोसी ?
नैंसी पेलोसी अमेरिकी सीनेट की स्पीकर हैं. अमेरिका में स्पीकर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के बाद तीसरा सबसे बड़ा पद है. नैंसी का ये चौथा कार्यकाल है और इस बार 2019 से वे इस पद पर हैं. नैंसी 81 साल की हैं. वे एक राजनीतिक परिवार से आती हैं. उनके पिता बाल्टीमोर के मेयर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस में भी 5 बार शहर का नेतृत्व किया है. नैंसी के भाई भी बाल्टीमोर के मेयर रहे हैं.

नैंसी पेलोसी 1987 में पहली बार सांसद बनी थीं. वे जॉर्ज बुश के शासन में 2007 में हाउस स्पीकर चुनी गई थीं. यह उनका स्पीकर के तौर पर चौथा कार्यकाल है. वे अमेरिकी सरकार में तीसरे सबसे बड़े पद पर हैं. नैंसी पेलोसी का ताइवान का ये दौरा 25 साल में अमेरिका के किसी भी चुने हुए सर्वोच्च नेताओं में पहला दौरा है. इससे पहले 1997 में तत्कालीन हाउस स्पीकर न्यूट गिनरिच ने ताइवान का दौरा किया था.

नैंसी पेलोसी ने चीन को कब-कब चिढ़ाया?
यह पहला मौका नहीं है, जब नैंसी पेलोसी ने चीन को चिढ़ाया हो. चीन से उनका पंगा करीब तीन दशक पुराना है. वे लंबे समय से चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध करती आई हैं.

1991 में बीजिंग में लहराया बैनर
पेलोसी 1991 में बीजिंग दौरे पर पहुंचीं थीं. इस दौरान पेलोसी अपने साथी नेताओं और रिपोर्टर्स के साथ थियानमेन स्क्वॉयर पहुंची थीं. यहां उन्होंने एक बैनर लहराया था. इसमें लिखा था, ‘To those Who died died for democracy in china’ यानी ‘उनके लिए जो चीन में डेमोक्रेसी के लिए मारे गए’. दरअसल, थियानमेन स्क्वॉयर पर 1989 में कुछ छात्रों ने डेमोक्रेसी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान सेना ने उन पर गोलियां चलाई थीं और बुलडोजर चलवा दिया था. इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी.

जब चीन का विरोध दरकिनार कर दलाई लामा से की मुलाकात
नैंसी पेलोसी 2008 में भारत दौरे पर आई थीं. इस दौरान उन्होंने धर्मशाला में तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की थी. चीन दलाई लामा को अपना दुश्मन मानता है. चीन ने नैंसी पेलोसी के इस दौरे का काफी विरोध भी किया था. इसके बावजूद नैंसी ने 9 सांसदों के साथ दलाई लामा से मुलाकात की थी. नैंसी पेलोसी जब 2017 में भारत आईं, तब भी उन्होंने दलाई लामा से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अमेरिका तिब्बती लोगों, उनकी आस्था, संस्कृति और भाषा के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करता है.

Latest articles

सुभाष नगर विश्राम घाट किया पिंडदान

भेल भोपाल।सुभाष नगर विश्राम घाट पर 16 श्रादों में तर्पण पिंडदान के साथ भागवत...

बजरंग दल की प्रांत बैठक व दायित्वबोध वर्ग का हुआ शुभारंभ

बड़वाह।बड़वाह के उत्सव गार्डन में 3 दिवसीय बजरंग दल की बैठक व दायित्वबोध वर्ग...

अनजुमन तरक्‍की-ए-उर्दू (हिंद) ने राहत सामग्री गुरुद्वारा समिति को सुपुर्द की

भेल भोपाल।अनजुमन तरक्‍की-ए-उर्दू (हिंद), भेल भोपाल ने सोमवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित लोगों...

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में “लाइन फॉलोवर रोबोट” पर कार्यशाला का आयोजन

हरिद्वार।गुरुकुल कांगड़ी (मानद विश्वविद्यालय), हरिद्वार के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग...

More like this

Trump Tariffs:अमेरिका ने भारत पर 100% टैरिफ लगाने की अपील की: ट्रम्प ने G-7 देशों को रूस पर दबाव बनाने के लिए कहा

Trump Tariffs:एक तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बता रहे...

ट्रम्प ने कई धातुओं और दवाओं पर टैरिफ हटाया: भारत सहित अन्य देशों को मिलेगा फायदा

ट्रम्प ने कई धातुओं और दवाओं पर टैरिफ हटाया: भारत सहित अन्य देशों को...