मुंबई
महाराष्ट्र में शिवसेना के चुनावी निशान की लड़ाई अब अहम मोड़ पर आ गई है। एक तरफ कानूनी लड़ाई चल रही है, दूसरी तरफ दोनों गुट अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सोमवार को इसके लिए कार्यकर्ताओं को खास निर्देश दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यह निर्वाचन आयोग के समक्ष अहम तथ्य साबित होगा। ठाकरे अपने आवास ‘मातोश्री’ में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पार्टी सदस्यता 10 गुना तक बढ़नी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे नीत गुट ने इस कार्य के लिए पेशेवर एजेंसियों को लगाया है।
झंडा छूने वालों के हाथ तोड़ दो
ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सदस्यता 10 गुना तक बढ़नी चाहिए। यह नासिक में एक लाख के करीब जानी चाहिए। वे (शिंदे गुट) इस काम में पेशेवर एजेंसियों को लगा रहे हैं, लेकिन मेरे पास केवल आप (कार्यकर्ता) हैं। ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भगवा ध्वज को मजबूती से पकड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि छीनना तो भूल जाएं, भगवा ध्वज को छूने की हिम्मत करने वाले हाथों को भी तोड़ देना चाहिए। गौरतलब है कि पार्टी में टूट के बाद निर्वाचन आयोग ने ठाकरे और शिंदे गुट से कहा कि वह आठ अगस्त तक शिवसेना के चुनाव चिह्न के लिए अपने-अपने समर्थन में दस्तावेज जमा करें। निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों से विधायकों और पार्टी की संगठनात्मक इकाइयों के समर्थन पत्र के साथ-साथ लिखित बयान मांगा है।
फिलहाल ऐसा है हाल
शिवसेना के शिंदे गुट के पास पार्टी के 55 में से 40 विधायकों का समर्थन है, जबकि कम से कम एक दर्जन सांसद भी इस गुट के साथ हैं।इस बगावत से कई स्थानों पर शिवसेना के पारंपरिक समर्थन आधार को नुकसान हुआ है, क्योंकि कई स्थानीय नेता और शिवसैनिक पाला बदलकर शिंदे के साथ चले गए हैं। गौरतलब है कि दोनों प्रतिद्वंद्वी गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में कौन सा गुट वास्तविक शिवसेना है इसका फैसला निर्वाचन आयोग द्वारा किए जाने के दौरान सदस्यता अहम भूमिका निभाएगी।