नई दिल्ली,
म्यूजिक, यह आपके मूड को रीफ्रेश करता है. दिन को खुशनुमा बनाने की ताकत रखता है और इसे सुनते हुए समय कहां बीत जाता है, पता ही नहीं लगता. कुछ यही समा अनूप जलोटा के सेशन का था. साहित्य आजतक 2023 कोलकाता में अनूप जलोटा ने अपनी सिंगिंग से समा बांधा. सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने इसपर भी बात की कि आजकल के गानों के लिरिक्स किस तरह के बन रहे हैं. लोगों को आजकल के गाने इसलिए कुछ खास पसंद नहीं आ रहे, क्योंकि लिरिक्स में गालियां और अजीब तरह के शब्दों को इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही न सुर है, न ताल है और न ही लय समझ आती है. लिरिक्स का कोई मतलब ही नहीं निकलता है.
अनूप जलोटा ने दर्शकों को सलाह देते हुए कहा कि आजकल के गानों को सुनना ही बंद कर देना चाहिए. अब हमारी युवी पीढ़ी अनूप जलोटा की बात को कितना मानती है और कितना इग्नोर करती है, यह वक्त बताएगा. हम आपको लेकर चलते हैं अनूप जलोटा के उस स्टेटमेंट पर, जहां उन्होंने बॉलीवुड के बायकॉट ट्रेंड से लेकर ‘पठान’ की सक्सेस पर खुलकर बात की.
अनूप जलोटा ने कही यह बात
अनूप जलोटा ने कहा, “देखिए, बॉलीवुड में बायकॉट वगैराह कुछ नहीं हुआ. दरअसल, जब लॉकडाउन लगा तो लोग घर बैठकर अपना मनोरंजन कर रहे थे. टीवी पर अपनी सुविधा के मुताबिक, फिल्म देख रहे थे. वह किसी भी तरह बंधे हुए नहीं थे कि उन्हें लगातार तीन घंटे बैठकर फिल्म एक बारी में पूरी देखनी है. तो दर्शकों की यह आदत छूटने में समय तो लगेगा. वैसे देखा जाए तो बीच- बीच में कुछ फिल्में ऐसी भी आईं, जब लोगों ने उन्हें थिएटर्स में जाकर देखा. मसला है, फिल्म की कहानी का. अगर कहानी अच्छी होगी तो लोग थिएटर्स में जाएंगे. बार- बार जाएंगे और फिल्म देखेंगे. आगे जितनी भी फइल्में आएंगी, मुझे यकीन है कि वह चलेंगी. हालांकि, कॉन्ट्रोवर्सी का भी फर्क पड़ता है, लेकिन कुछ खास नहीं.” अनूप जलोटा ने बताया कि शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ का उन्हें ‘बेशर्म रंग’ सॉन्ग पसंद आया है. उन्होंने इसका वीडियो भी देका है. हालांकि, जब उनसे इसी दो लाइन गुनगुनाने के लिए कहा गया तो वह मुकर गए.
पांच दिन पहले बाग्शेवर धाम गए थे अनूप
अनूप जलोटा ने सेशन में बागेश्वर धाम के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि मैं पांच दिन पहले बागेश्वर धाम गया ता. वहां जो लोगों में मैंने श्रद्धा देखी, वह अद्भुत नजर आई. बहुत अच्छा लग रहा था कि एक ऐसा व्यक्ति जो आपसे बात करने से पहले आपको बता देता है कि आप क्या पूछने वाले हैं. यह सिद्धी ही तो हो सकती है. और क्या है? माइंड रीडिंग अलग चीज होती है, पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी जो करते हैं, उनका कमाल यह है कि वह किसी भी व्यक्ति को देककर उसके दिल की बात उसके पूछने से पहले बता देते हैं. तो लोगों में श्रद्धा है. उनका भजन बहुत अच्छा है. धीरेंद्र जी के आश्रम में जो धन आता है, उसे वह अच्छे काम में लगाते हैं. अभी उन्होंने 121 शादियां कराईं, जिस दिन मैं कार्यक्रम में था. एक कैंसर हॉस्पिटल उन्होंने अनाउंस किया है. मुझे लगता है कि हमें सिर्फ अच्छाइयां देखनी चाहिए और अच्छे कार्य करने चाहिए. बस यही है.