पटना
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बुधवार को दिल्ली से पटना लौट आए हैं। लालू यादव के पटना लौटते ही पार्टी में उनका असर दिखाई देने लगा है। दरअसल महागठबंधन की सरकार में यादव समुदाय से आनेवाले मंत्रियों की भरमार है। ऐसा लालू यादव के शासन में भी होता था। इसे लेकर बीजेपी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर तंज कर रही थी। अब लालू यादव पटना लौट आएं तो है राजद ने ब्राह्मणों के खिलाफ आग उगलना शुरू कर दिया है। राजद ने ब्राह्मण पत्रकार को निशाने पर ले लिया। राजद ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी सरकार में 12 यानि एक दर्जन ब्राह्मण मंत्री है। लेकिन ब्राह्मण पत्रकार चालाकी कर यह नहीं बतायेंगे।’
राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट कर कहा- ‘मोदी सरकार में 12 यानि एक दर्जन ब्राह्मण मंत्री है। लेकिन ब्राह्मण पत्रकार चालाकी कर यह नहीं बतायेंगे। पत्रकार महोदय को बताना चाहिए क्या केंद्र के ब्राह्मण मंत्री उनकी जनसंख्या और सांसदों की संख्या के अनुपात में है? वो बताएं कि बिहार विधानसभा में सबसे अधिक विधायक किस जाति से है?’ राजद ने अगले ट्वीट में कहा कि ‘पत्रकार महोदय को यह भी बताना चाहिए कि बिहार में सबसे अधिक यादव सांसद भाजपा के हैं और महागठबंधन के ज़ीरो है। अधूरी जानकारी नहीं परोसनी चाहिए।’
ब्राह्मण को राजद ने कोई पहली बार निशाना नहीं बनाया है। 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू यादव ने चुनाव को अगड़ी और पिछड़ी जाति की जंग करार दे दिया था। लालू यादव ने वैशाली के राघोपुर में चुनावी सभा में कहा था- ‘यह बिहार विधानसभा चुनाव अगड़ी जाति और पिछड़ी जाति के ‘महाभारत’ की लड़ाई है। यादव होश में रहें और एकता बनाये रखें। आपको, खास करके ब्राह्मणों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है।’
लालू यादव MY में तेजस्वी ने जोड़ा था नया समीकरण
लालू यादव, मुस्लिम और यादव के साथ पिछड़ी जातियों के सहारे राज्य में कई साल तक सत्ता में रहे। आरक्षण के मुद्दे को भी लालू यादव बखूफी इस्तेमाल करते रहे। इधर लालू की विरासत संभाल रहे तेजस्वी यादव ने एमएलसी चुनाव में MY समीकरण में भूमिहार कंबिनेशन बनाया, जो एमएलसी चुनाव में हिट रहा था। इसके जरिए राजद के 6 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी, जिसमें 4 सवर्ण समुदाय के थे। तब कहा जा रहा था कि तेजस्वी यादव सभी जातियों को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन अब ब्राह्मणों पर किए गए ट्वीट के मायने निकाले जा रहे हैं।