नई दिल्ली
सीबीआई ने शनिवार को दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ शुरू करने के दौरान तीन आरोपियों के बयान दर्ज किए। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एजेंसी शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 स्थानों पर छापेमारी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। सीबीआई की एफआईआर में मनीष सिसोदिया समेत 15 के नाम हैं।
अधिकारियों ने कहा कि तीनों आरोपियों को सीबीआई मुख्यालय बुलाया गया जहां उनके बयान दर्ज किए गए और तलाशी के दौरान बरामद वित्तीय लेन-देन के कुछ दस्तावेजों के साथ उनका सामना कराया गया। अधिकारियों ने कहा कि एक बार दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ-साथ बैंक लेनदेन की जांच की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद अन्य आरोपियों को भी समन जारी किया जाएगा।
ईडी करेगी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
बुधवार को एक विशेष अदालत के समझ दर्ज की गई सीबीआई की एफआईआर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ भी साझा किया गया है। ईडी एक वित्तीय जांच एजेंसी है, जो इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच करेगी।एजेंसी ने शुक्रवार को 31 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसमें सिसोदिया से संबंधित परिसरों के साथ-साथ कुछ नौकरशाह और व्यवसायी भी शामिल थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ‘आप’ ने भी सीबीआई के इन छापों की निंदा करते हुए दावा किया कि सीबीआई अधिकारियों को ‘आप’ नेताओं को परेशान करने के लिए ‘ऊपर से’ आदेश दिया गया है। वहीं, भाजपा ने दिल्ली सरकार से अपनी आबकारी नीति पर सफाई देने को कहा है।
सीबीआई जांच के तहत इंडोस्प्रिट्स के मालिक समीर महेंद्रू द्वारा कथित तौर पर सिसोदिया के “करीबी सहयोगियों” को करोड़ों में कम से कम दो भुगतान किए गए हैं, जो आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में सक्रिय रूप से शामिल शराब व्यापारियों में से एक थे।
एफआईआर में इन तीन आरोपियों के भी नाम
एफआईआर में गुरुग्राम में बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे पर सिसोदिया के करीबी सहयोगी होने का आरोप लगाया गया है, जो शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ को आरोपी लोक सेवकों तक पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।