बिहार: नैतिकता का पाठ पढ़ाते रहे स्पीकर विजय सिन्हा, चुपचाप सुनते रहे नीतीश और तेजस्वी

पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव की अगुवाई में बनी महागठबंधन की सरकार के फ्लोर टेस्ट के लिए बुलाए गए बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा बेहद तल्ख अंदाज में दिखे। अपने पद से इस्तीफा देने से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने सीएम और डेप्युटी सीएम को खूब सुनाया। स्पीकर सिन्हा ने कहा, ‘डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने एक लेख में लोकतंत्र के बारे में लिखा है, जो बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह और इस आसन पर बैठे उस समय के अध्यक्ष विंध्येश्वरी वर्मा जी थे, उस समय ही यह अविश्वास प्रस्ताव आया था, उस समय भी यह कोट किया गया था कि लोकतंत्र की व्यवस्था के अनुसार राज व्यवस्था में अल्पमत के अधिकार का रक्षण नहीं होकर सभी के अधिकारों का संरक्षण होता है। ऐसा न होने पर अनाचारी व्यवस्था सरकार को भ्रष्टाचार के मार्ग पर ले जाती है। यह हमने पूर्व में देखा है।’

विजय सिन्हा ने आगे कहा, ‘मुझे अफसोस कि मुझे अवसर नहीं दिया गया। मैं नैतिकता पर चर्चा नहीं करूंगा, ये लोकतंत्र की खूबरसूरती या बदसूरती, इसे जनता पर छोड़ते हैं। नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद अपना पद छोड़ देता, लेकिन इसी बीच 9 अगस्त को लोगों ने मेरे खिलाफ सार्वजनिक अवकाश के दिन अविश्वास प्रस्ताव भेजा, इस परिस्थिति में उनके अविश्वास का जवाब देना मेरी नैतिक जिम्मेवारी बन गई। मैं इस्तीफा दे देता तो इन आरोपों का जवाब कैसे देता।
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आखिरकार बिहार के स्पीकर विजय सिन्हा ने दिया इस्तीफा
उन्होंने कहा कि आज मेरे ऊपर कोई भी मुकदमा या आपराधिक मामला नहीं। आज सदन में कई ऐसे विधायक जिनकी अच्छी छवि, उनको बचाने की जिम्मेवारी सदन की है। स्पीकर ने कहा, ‘छोटे दिल से बड़ा सपना नहीं देख सकते, हमारी कथनी-करनी में जब तक अंतर रहेगा, हम जनता के सम्मान का पात्र नहीं बनेंगे।’

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