हिसार
हिसार के धुंदुर गांव में हजारों लोगों की भीड़ जमा थी लेकिन फिर भी खामोशी फैली थी। सामने रखी थी एक लाश, यह शव था सोनाली फोगाट का। लाल रंग के कपड़ों से सजे शव पर बीजेपी का झंडा लिपटा था। जैसे ही अर्थी उठी, कानों को चीरने वाली चीखें गूंज उठीं। इन चीखों में दिल चीर देने वाली आवाज थी यशोधरा की। 16 साल की यशोधरा सोनाली फोगाट की बेटी है। बस चीख-चीखकर यधोधरा कह रही थीं, ‘मुझे भी साथ जाना है’। रो-रोकर बेहाल होती और उसे पानी पिलाकर फिर होश में लाया जाता। फिर हिम्मत करके यशोधरा ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया और उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी। यशोधरा बार-बार कह रही थी कि अब उसका हाल कौन पूछेगा? कौन उसे लाडो कहेगा। सोशल मीडियो पर भी यशोधरा और सोनाली की बॉन्डिंग को लेकर चर्चा हो रही है। 7 अगस्त को सोनाली फोगाट ने अपनी बेटी का बर्थडे धूमधाम से मनाया था। यशोधरा को पता नहीं था कि यह उसकी मां के साथ अंतिम जन्मदिन था।
सोनाली फोगाट की अर्थी से लिपटकर यशोधरा खूब रोई। बार-बार कहती रही, ‘एक बार उठ जाओ…वापस आ जाओ… मेरा कौन ध्यान रखेंगा… कौन पूछेगा खाना खाया कि नहीं…आप भी छोड़कर चली गईं…मुझे अपने सीने से कौन लगाएगा कौन मुझे प्यार करेगा? उठ जाओ…’
‘आज मेरी मां के लिए कोई नहीं खड़ा’
यशोधरा बिलखते हुए कहा कि मां ने राजनीति के लिए मुझे हॉस्टल भेज दिया। मुझे टाइम नहीं दे पाती थीं। बीजेपी के लिए बहुत कुछ किया लेकिन आज मेरी मां के लिए कोई नहीं खड़ा है। उसने कहा कि मेरी मां को न्याय मिलना चाहिए। इस मामले को लेकर छानबीन करनी चाहिए और जो भी अपराधी हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले।
मां-बेटी को देखकर हर कोई हुआ था भावुक
सोनाली का सोशल मीडिया अकाउंट देखें तो उनके कई फोटो और वीडियो बेटी के साथ मिलेंगे। जब वह बिग बॉस में गई थीं तब यशोधरा उनसे मिलने गई थी। यह वह पल था जब मां-बेटी को देखकर, उनकी बातें सुनकर हर कोई रोने लगा था।
‘चार टाइम दूध पीती है न?’
यशोधरा के आते ही सोनाली कहती हैं काश मैं तुम्हे गले लगा सकती। यशोधरा ने मजाक में कहा कोरोना काल है। फिर दोनों आमन-सामने आती हैं, बीच मे शीशे की दीवार के बावजूद दोनों एक दूसरे के लिए खूब प्यार उड़ेलती हैं। सोनाली कहती हैं, ‘मेरी लाडो, मेरी पाडो, मेरी राजकुमारी, मेरा बच्चा कैसा है। लाडो कैसी है? सब कैसे हैं। चार टाइम दूध पीती है न? घी ले रही है न क्योंकि हॉस्टल जाने के बाद तो कुछ नहीं… मेरी बेबी, मेरी पट्टू…दो महीने में पेपर हैं। मन लगाकर पढ़ना। रोना मत…’
21 अगस्त को मां से आखिरी बार हुई थी बात
सोनाली ने बताया था कि जब यशोधरा तीन साल की थी तब से वह अपनी मां को सपॉर्ट करती थी। सोनाली उससे अपने बारे और अपने काम के बारे में राय लेती थीं। बेटी के अच्छे फीडबैक से वह बहुत खुश होती थीं। यशोधरा ने बताया कि उनकी अपनी मां से आखिरी बार बात 21 अगस्त को हुई थी, जब वह गोवा जा रही थीं। बात करने के दौरान यशोधरा को कुछ ठीक नहीं लग रहा था। उसने मां से पूछा था कि कुछ वीकनेस सी लग रही? सोनाली से कहा था कि हां थोड़ा बस तबीयत ठीक नहीं।
यशोधरा को पसंद नहीं था सोनाली का पीए
सोनाली के बेटी ने उनके पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे वह बिल्कुल पसंद नहीं था। वह जब अपनी मां को फोन करती तो उनका पीए ही उठाता था। फोन उठाकर कहता था मां बिजी हैं। कभी उनसे बात नहीं कराता था। मां का पलटकर कई बार फोन भी नहीं आता था। बाद में वह मां से पूछती थी तो वह भी कहती थीं कि सुधीर सांगवान ने नहीं बताया। कहीं भी वह मां के साथ जाती तो बोलता था कि जल्दी चलो, बातें करोगी तो यहीं पूरा टाइम निकल जाएगा। परिवार से दूर रखने की कोशश करता था। हमें वो लोग अच्छे नहीं लगते थे।