लद्दाख
चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के देमचोक इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक सप्ताह पहले भारतीय चरवाहों को आगे बढ़ने से रोक दिया था। घटना की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर भारतीय और चीनी बलों के बीच कोई टकराव नहीं हुआ क्योंकि दोनों पक्षों की ओर से इस तरह की आपत्तियां नियमित रूप से जताई जाती हैं। उधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना से संबंधित एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ट्विटर पर कहा कि सरकार पूरी तरह से इनकार कर रही है जबकि चीन हमारी क्षेत्रीय संप्रभुता को चुनौती देता है।
लोगों ने कहा कि कुछ भारतीय चरवाहे एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में थे, लेकिन चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उस क्षेत्र के अपनी तरफ होने का दावा करते हुए उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई। यह घटना 21 अगस्त की बताई जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि उन क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं एलएसी के संबंध में दोनों पक्षों की अलग-अलग धारणाओं के कारण होती हैं। उन्होंने कहा कि दोनों सेनाओं के एरिया कमांडरों के बीच बाद में हुई बातचीत में इस घटना का जिक्र हुआ।
लंबे समय से सैन्य गतिरोध कायम रहने के बीच यह घटना
पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से सैन्य गतिरोध कायम रहने के बीच यह घटना हुई। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि एलएसी पर शांति भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय और चीनी सेनाओं ने 16 दौर की बातचीत की
पैंगोंग झील क्षेत्र में 5 मई, 2020 को हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के हल के लिए भारतीय और चीनी सेनाओं ने 16 दौर की बातचीत की है। दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियार तैनात किए हैं।
कांग्रेस ने कसा तंज
इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना से संबंधित एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए ट्विटर पर कहा कि सरकार पूरी तरह से इनकार कर रही है जबकि चीन हमारी क्षेत्रीय संप्रभुता को चुनौती देता है।