तीसरा मदरसा गिरा…योगी की तर्ज पर असम में क्यों चल रहा हिमंत का बुलडोजर?

गुवाहाटी

पिछले कुछ दिनों से योगी के बुलडोजर को लेकर चर्चा है। मतलब यूपी में उपद्रवियों, दंगाइयों, माफियाओं और अपराधियों के अवैध ठिकानों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है। योगी की इस कार्रवाई की तर्ज पर अब असम सरकार ने भी काम करने शुरू कर दिया है। बीते दिनों से असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने अपराधियों से निपटने के लिए बुलडोजर का प्रयोग किया है। पुलिस थाने में आग लगाने वाले दंगाइयों के घर बुलोडजर चलवाना हो या अवैध मस्जिद गिराना। लगातार हिमंत बिस्व सरमा ऐक्शन में हैं। बुधवार को असम में एक मदरसे को गिराया गया। बीते दो महीनों के अंदर यह तीसरा मदरसा है जिसे हिमंत बिस्व सरमा की सरकार ने बुलडोजर से ढहा दिया है।

असम में अधिकारियों ने बुधवार को बोंगाईगांव जिले में एक मदरसे को गिराया। यह वह मदरसा है जिसके परिसर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगा है। जोगीघोपा थाने के अंतर्गत आने वाले कबाईतारी भाग- IV गांव में स्थित मरकजुल मारिफ क्वारियाना मदरसा को गिराने के लिए कई बुलडोजर पहुंचे थें। बोंगईगांव जिला प्रशासन ने इलाके में सबसे पहले भारी फोर्स तैनात की उसके बाद मदरसे को बुलडोजरों से गिराया गया।

37 हुए थे गिरप्तार
बीते दिनों असम पुलिस ने मदरसा के इमाम और शिक्षकों को गिरफ्तार किया था। कुल 37 लोग गिरफ्तार हुए थे, जिनके ऊपर मदरसों की आड़ में आतंकी गतिविधियां संचालित करने का आरोप लगा था। ये सभी आतंकी AQIS(Al Qaida in Indian Subcontinent ) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े थे। ऐसी खबरें थीं कि कुछ आतंकवादी धार्मिक शिक्षकों के वेश में राज्य में घुस आए थे और चुपचाप अपनी विध्वंसक और राज्य विरोधी गतिविधियों में आगे बढ़ा रहे थे, जिसके बाद जांच एंजेसियां और पुलिस ऐक्शन में आई थी।

224 छात्रों को दो मंजिला इमारत से निकाला गया
मदरसे को गिराने से पहले मंगलवार को 224 छात्रों को दो मंजिले मदरसे से बाहर निकाला गया। इसके अलावा सहायक कर्मचारियों और टीचरं को भी बाहर किया गया, उसके बाद यहां बुलडोजर चला। 30 अगस्त को, गोलपारा जिला पुलिस ने एक तलाशी अभियान चलाया और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए जिनमें बंगाली भाषा में आतंक अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) का एक पत्रक और एक लोगो मिला। यह एक्यूआईएस का होने का संदेह है।

नियमों के खिलाफ बना था मदरसा
बोंगाईगांव जिले के पुलिस अधीक्षक स्वप्ननील डेका के अनुसार, जिला प्रशासन ने 30 अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा था कि मदरसा संरचनात्मक रूप से कमजोर और मानव निवास के लिए असुरक्षित है क्योंकि मदरसा भवनों का निर्माण एपीडब्ल्यूडी विनिर्देशों / आईएस मानदंडों के अनुसार नहीं किया गया है। एसपी डेका ने कहा था कि गोलपारा जिला पुलिस ने मदरसे में एक्यूआईएस/एबीटी से जुड़े एक गिरफ्तार व्यक्ति के साथ तलाशी अभियान भी चलाया था। जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार, हमने मदरसा को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

दो दिन लगातार चला बुलडोजर
30 अगस्त को, राज्य सरकार ने इसी तरह के आरोपों पर बारपेटा जिले के ढकलीपारा इलाके में एक और मदरसा, शेखुल हिंद महमूदुल हसन जमीउल हुडा इस्लामिक अकादमी को ध्वस्त कर दिया था। यह इस्लामी संस्थान सरकारी जमीन पर बना था।

एडीसी लचित कुमार दास ने बताया कि यह संस्था राष्ट्रविरोधी गतिविधियों, जिहादी संगठनों में शामिल रही है। मदरसों की जितनी भी संपत्ति है, उनका सत्यापन किया गया। ढकलीपारा का मदरसा सरकारी जमीन पर बना पाया गया। इसे किसने बनवाया और इतनी बड़ी इमारत बनाने के लिए रकम कहां से आई, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।

पढ़ाया जा रहा था आतंकवाद
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मदरसा प्रबंधन संस्था नहीं चला रहा है बल्कि एक आतंकवादी केंद्र चला रहा है। सरमा ने कहा कि तीसरा मदरसा गिराया गया है क्योंकि ये मदरसे शिक्षा संस्था नहीं बल्कि आंतकवादियो का केंद्र थे। यहां पर कट्टरवाद और आंतकवाद पढ़ाया जा रहा था।इस महीने की शुरुआत में राज्य के मोरीगांव जिले के मोइराबारी इलाके में जमीउल हुडा मदरसा को गिराया गया था।

सरकार का रेडार पर इस्लामी शिक्षक
हाल ही में, मुख्यमंत्री सरमा ने बताया ता कि छह बांग्लादेशी नागरिक जो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) / अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) के सदस्य हैं, उन्होंने 2016-17 में असम में एंट्री ली थी। असम पुलिस ने उनमें से एक को गिरफ्तार किया है। अभी भी पांच फरार हैं। बेहतर निगरानी के लिए अब राज्य में आने वाले इस्लामी शिक्षकों पर कड़ी निगरानी रखी जानी शुरू कर दी गई है। इसके अलावा राज्य एक पोर्टल विकसित कर रहा है, जहां उनका विवरण दर्ज किया जाएगा। सरकार ने मानक संचालन प्रक्रियाएं निर्धारित की हैं। स्थानीय लोगों को कहा गया है कि अगर उन्हें पता चलता है कि कोई धार्मिक शिक्षक (इमाम) आया है तो उन्हें इसकी सूचना देनी चाहिए।

सरकार ने खत्म कर दिए हैं मदरसे
सीएम ने बताया कि असम में आने वाले इमाम का पुलिस सत्यापन होगा। फिर वह मदरसों में अपनी धार्मिक शिक्षा दे सकता है। उन्होंने कहा कि असम के मुसलमान इस प्रक्रिया में सरकार का सहयोग कर रहे हैं। असम में वर्तमान में कोई सरकारी मदरसा नहीं है क्योंकि उन्हें हाल ही में नियमित स्कूलों में बदल दिया गया है। हालाकि, व्यक्तिगत या निजी तौर पर संचालित मदरसे ही असम में चल रहे हैं।

इसलिए खूब हो रहे हैं बुलडोजर के चर्चे
बीजेपी कार्यकर्ता योगी के काम करने की शैली के मुरीद हैं। कार्यकर्ताओं का मानना है कि योगी ने यूपी के अपराधियों और दंगाइयों पर नकेल डाल रखी है और उनसे सख्ती से निपटा जा रहा है। योगी ने यूपी में मुख्यमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल में भी अपराधियों के घर पर बुलडोजर चलवाए थे, लेकिन तब इसका उतना जिक्र नहीं हुआ। तब आलोचना हुई थी। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने योगी पर तंज करते हुए उन्हें बुलडोजर बाबा भी कहा। लेकिन फिर यह बुलडोजर बाबा ही बीजेपी के प्रचार का केंद्र बिंदु बन गया। अब दूसरे राज्य इसे अपना रहे हैं।

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