पहले केसीआर और अब सोनिया, दिल्ली दरबार से नया गेम खेलने की तैयारी में नीतीश

पटना

2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकजुटता से टक्कर देने के लिए विपक्षी एकता की बढ़ती मांग के बीच , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं। कांग्रेस के एक बड़े नेता ने शुक्रवार को इसका खुलासा किया। पीएम का चेहरा घोषित करने को लेकर विपक्षी खेमे में बढ़ रही गतिविधियों के हिसाब से इसे बड़ा कदम बनाया जा रहा है। हाल ही में पटना में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि ‘अन्य सभी विपक्षी दल गायब हो जाएंगे और देश में केवल बीजेपी ही मौजूद रहेगी।’

सोनिया से मिलेंगे नीतीश
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी बैठक अगले हफ्ते की शुरुआत में ही होनी थी लेकिन अचानक सोनियाबीमार पड़ गई और उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए विदेश जाना पड़ा। इसी बीत सोनिया की मां पाओला माइनो का इटली में निधन हो गया। इससे उनकी भारत वापसी में और देरी हो सकती है। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा, ‘विदेश दौरे से लौटने के बाद नीतीश कुमार सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। उन्हें चर्चा करनी है कि कैसे बिखरी हुई धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक साथ लाया जाए और अगले आम चुनाव में बीजेपी को कड़ी चुनौती दी जाए।’

बिहार में महागठबंधन सरकार बनवाने में सोनिया की अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि अगर बिखरी हुई धर्मनिरपेक्ष ताकतें हाथ मिला लें तो बीजेपी को आसानी से सत्ता से उखाड़ फेंका जा सकता है। शर्मा ने कहा कि दोनों नेता इस बारे में रणनीति पर भी चर्चा करेंगे कि कैसे एकजुट होकर लड़ाई लड़ी जाए और लड़ाई को तार्किक अंजाम तक पहुंचाया जाए। सोनिया और नीतीश के बीच यह पहली बैठक होगी क्योंकि पिछले महीने लालू प्रसाद की आरजेडी, कांग्रेस और पांच अन्य पार्टियों के साथ नई सरकार बनाने के लिए बाद में बीजेपी से अलग हो गए थे। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि सोनिया ही थीं जिन्होंने बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन में ‘मध्यस्थ’ की भूमिका निभाई थी।

पहले KCR और अब सोनिया
इतने सारे पीएम उम्मीदवारों के साथ विपक्ष के अभियान को बढ़ावा मिला जब तेलंगाना के सीएम और टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने 31 अगस्त को पटना का दौरा किया और अगले लोकसभा चुनावों की रणनीति पर चर्चा करने के लिए नीतीश और लालू दोनों से मुलाकात की। हालांकि, जिस तरह से बीजेपी नेतृत्व ने अपना ध्यान बिहार पर केंद्रित किया है, उससे सत्तारूढ़ गठबंधन में हड़कंप मच गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा 23 सितंबर से राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आने वाले हैं और मुस्लिम आबादी वाले सीमांचल क्षेत्र में रैलियां करेंगे। पिछले दो महीनों में यह दूसरी बार है जब दोनों ही बिहार का दौरा करेंगे।

 

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