अब शिवाजी पार्क पर उद्धव और शिंदे में संग्राम, दशहरा रैली के लिए दोनों ने ठोका दावा

मुंबई

शिवाजी पार्क में 5 अक्टूबर को दशहरा रैली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट आमने-सामने आ गए हैं। शिंदे गुट के माहिम से विधायक सदा सरवणकर ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली के लिए 1 सितंबर को बीएमसी (BMC) को आवेदन किया। जबकि उद्धव ठाकरे गुट के सांसद अनिल देसाई 22 अगस्त को ही दशहरा रैली के लिए आवेदन दे चुके हैं। बीएमसी जी नॉर्थ वार्ड के असिस्टेंट कमिश्नर प्रशांत सपकाले ने बताया कि शिवाजी पार्क में किसकी रैली होगी, इस पर 10 सितंबर के बाद निर्णय ले लिया जाएगा। जो भी निर्णय होगा नियम के तहत होगा।

शिवसेना की पहचान है दशहरा रैली
शिंदे गुट के विधायक सरवणकर ने कहा कि मैं हर साल दशहरा रैली के लिए बीएमसी में अप्लाई करता हूं , उसी तरह इस साल भी आवेदन दिया है। मैंने शिवसेना की तरफ से आवेदन किया है। वहीं ठाकरे गुट की प्रवक्ता एवं पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि दशहरा रैली शिवसेना की परंपरा है। रैली की परमिशन हमें ही मिलेगी। शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए पेडणेकर ने कहा कि वे कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

बता दें कि दशहरा रैली को लेकर उद्धव ठाकरे ने आक्रामक रुख अपनाया है। उद्धव कह चुके हैं कि शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को लेकर किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए। शिवसेना की दशहरा रैली शिवतीर्थ (शिवाजी पार्क) पर ही होगी। अनिल देसाई रैली के लिए बीएमसी को आवेदन और रिमाइंडर भी दे चुके हैं।

9 साल से उद्धव कर रहे दशहरा रैली
शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को संबोधित किया करते थे। शिवाजी पार्क से ही शिवसेना की आगे की राजनीति तय होती रही है। 17 नवंबर, 2012 को बालासाहेब के निधन के बाद से उद्धव ठाकरे दशहरा रैली को संबोधित करते आ रहे हैं। वर्ष 2013 से उद्धव ही दशहरा रैली को संबोधित कर रहे हैं। इस बीच कोरोना के दौरान दो साल ऑनलाइन दशहरा रैली हुई। इस साल दशहरा रैली के लिए दो आवेदन बीएमसी को मिले हैं। अब यह परंपरा कायम रहेगी या नहीं, इस पर सवालिया निशान लग गए हैं।

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