लखनऊ
नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यूपी के 13 जिलों में गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति (एससी) से हटाकर अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही गोंड की पांच उपजातियों धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड को भी ST में शामिल किया गया है। सरकार के इस फैसले से यूपी के लगभग 5 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। अब नई जातियों को एसटी का सर्टिफिकेट मिलेगा।
केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। सीएम योगी ने कहा कि गोंड समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल किये जाने से गोंड समुदाय के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
अभी तक गोंड समुदाय अनुसूचित जाति में शामिल है। उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड समुदाय के लोग रहते हैं। सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा उ.प्र. के 13 जिलों में ‘गोंड’ जाति व उसकी पांच उप-जातियों (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड) को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का निर्णय स्वागत योग्य है। आभार प्रधानमंत्री जी। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय हेतु कटिबद्ध आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में लिया गया यह कल्याणकारी निर्णय गोंड समुदाय के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।
इससे पहले कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि काफी समय से समुदाय के लोग यह मांग कर रहे थे कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में ऐसे ही लोगों को यह दर्जा प्राप्त है। इस संबंध में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया गया है। इसमें राज्य से सिफारिश आने, भारत के महापंजीयक से सलाह करने और अंतर मंत्रालयी विमर्श के बाद मंत्रिमंडल के समक्ष रखा गया और इसे मंजूरी मिली।
62 जिलों में पहले से एसटी में गोंड
यूपी के 62 जिलों में गोंड जाति को पहले से अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध कर दिया गया है। अब महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर और सोनभद्र के गोंड अब एसटी कैटेगरी में शामिल हो गए हैं।