लखनऊ
आजम खान को रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगने के बाद अब चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव पर शिकंजा कसा है। आयोग ने अखिलेश यादव से उनके उस आरोप पर सबूत देने के लिए कहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिमों और यादवों के नाम वोटर लिस्ट से जानबूझकर काटे गए। बता दें कि इससे पहले साल 2019 के हेट स्पीच केस में आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।
अखिलेश यादव ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा था कि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में हर सीट पर यादवों और मुसलमानों के 20-20 हजार वोट हटवा दिए गए। उन्होंने कहा कि पूरी मशीनरी ने मिलकर सपा को मिली हुई जीत को बीजेपी को दिलवाने का काम किया है। अखिलेश ने कहा था, ‘चुनाव आयोग से हमें सबसे अधिक उम्मीद थी लेकिन उन्होंने बीजेपी के इशारे पर, पन्ना प्रभारियों के इशारे पर जानबूझकर हर विधानसभा सीट पर 20 हजार यादव और मुसलमान वोटरों के नाम काट दिए।’
उन्होंने कहा था कि हमने पहले भी कहा और आज भी कहते हैं कि जांच करके देख लें, 20-20 हजार वोट उड़ा दिए गए हैं। कईयों के नाम काट दिए गए। कई लोगों का बूथ चेंज कर दिया गया। इस बूथ से दूसरे बूथ पर पहुंचा दिया गया। अखिलेश के इसी आरोप पर गुरुवार को चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है। उनसे उनके आरोपों पर सबूत मांगे गए हैं।