भोपाल
भेल के बरखेड़ा सरस्वती मंदिर , हायर सेकण्डरी बस स्टाफ और हथाई खेड़ा में छठ पूजा धूमधाम से मनाई गई । छठी मैया के मधुरिम लोकगीतों के साथ बिहार तथा उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्यौहार महापर्व छठ सूर्यदेव की आराधना हेतु अस्ताचल सूर्य को अध्र्य देकर उपास किया गया। छठी मैया के इस महापर्व में साक्षात देव सूर्य भगवान को बांस के बने सूप में ठेकुआ, गन्ना, संतरा, सेव, मह्तावी, केला, मुली, सुथनी, हल्दी, नारियल, पुआ, लडुआ जैसे प्रकृति प्रदत अनाजों को पूर्ण पवित्रता एवं स्वच्छता के साथ परंपरागत रूप से तैयार प्रसाद के साथ पानी के कुंड में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अध्र्य दिया गया।
श्रद्धालू भक्त एवं परिजनों ने दूध ढारकर भगवान सूर्य को अध्र्य दिया। छठ घाट परिसर में भव्य मेले का मनमोहक आयोजन किया गया जिसके मुख्य आकर्षण बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले, मिक्की माउस उपलब्ध हैं। इस अवसर पर धार्मिक पुस्तकें, परिधान एवं अन्य प्रदर्शनी एवं बिहारी संस्कृति के विभिन्न प्रकार के व्यंजन का स्टॉल लगाए गए। इस महापर्व का पारण सोमवार को उदयगामी सूर्य को पूण हुआ । सरस्वती मंदिर आयोजन समिति के अध्यक्ष सतेन्द्र कुमार ने बताया कि इस महापर्व के सफल एवं पवित्रता के साथ आयोजन के लिए छठ पूजा आयोजन समिति एवं बिहार सांस्कृतिक परिषद् द्वारा विशेष व्यवस्था की गयी थी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि परिषद की संरक्षक एवं विधायक, श्रीमती कृष्णा गौर, मनोज वर्मा अपर कलेक्टर, परिषद के अध्यक्ष एवं भेल के महाप्रबंधक अविनाश चंद्रा, रविन्द्र राय एवं अनेक गणमान्य अतिथि मौजूद थे। श्रीमती कृष्णा गौर जी द्वारा कांच ही बांस के बहंगिया…. बहँगी लचकत जाय…. छठ मइया के मधुरिम गीत गाकर छठव्रतियों का मन मोह लिया।